जयपुर

कर्मचारियों को मिली बडी सौगात : गहलोत सरकार का बड़ा तोहफा, 30000 कर्मचारी होंगे स्थाई

Paliwalwani
कर्मचारियों को मिली बडी सौगात : गहलोत सरकार का बड़ा तोहफा, 30000 कर्मचारी होंगे स्थाई
कर्मचारियों को मिली बडी सौगात : गहलोत सरकार का बड़ा तोहफा, 30000 कर्मचारी होंगे स्थाई

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवाली पर संविदा पर काम कर रहे 30000 कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए उन्हें परमानेंट करने की घोषणा की है। खबर है कि सरकार ने पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। तीनों ही श्रेणी के कर्मचारियों को शुरुआत में 10,400 रुपए महीना मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी को 10,400 रुपए से ज्यादा सैलरी मिलती है तो उसे पहले की तरह वेतन मिलता रहेगा। 9 साल की नौकरी पूरी होने पर 18,500 रुपए और 18 साल पूरे होने पर 32,300 रुपए सैलरी मिलेगी।

पदों का किया नाम परिवर्तन

शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और पंचायत सहायक के पदों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल रूल्स के दायरे में लिया गया है। साथ ही इन पदों का नाम परिर्वतन भी किया गया है। अब शिक्षाकर्मी को शिक्षा सहायक, पैराटीचर्स को पाठशाला सहायक और पंचायत सहायक को विद्यालय सहायक कहा जाएगा।

एजेंसी या जॉब बेसिस पर लगे कर्मचारी नहीं होंगे परमानेंट

सरकार की घोषणा के मुताबिक, शिक्षाकर्मी, पंचायत सहायक और पैराटीचर्स ही इस प्रक्रिया के तहत परमानेंट होंगे वो भी तब जब ये कर्मचारी इन पदों के लिए तय एजुकेशन क्वालीफिकेशन को पूरा करते हैं। कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में वे ही संविदाकर्मी आएंगे जो तय योगता पूरी करते हैं। किसी एजेंसी या कॉन्ट्रैक्ट या जॉब बेसिस पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाई नहीं किया जाएगा।

जॉब सिक्योरिटी के साथ होगा इंक्रीमेंट

संविदाकर्मियों का अब तक कोई इंक्रीमेंट नहीं होता था। कई विभागों में लोग कई सालों से 6000 रुपए महीने पर काम कर हैं, लेकिन अब जो संविदाकर्मी परमानेंट होंगे उन्हें अब इंक्रीमेंट मिलेगा और उनकी जॉब भी सिक्योर रहेगी।

एजेंसी के माध्यम से जॉब बेसिस पर काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि इन पदों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स के दायरे में लिया गया है. शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक के पदनाम बदले गए हैं. शिक्षाकर्मी को अब शिक्षा सहायक, पैराटीचर्स को पाठशाला सहायक और ग्राम पंचायत सहायक विद्यालय सहायक कहा जाएगा. इस आदेश के दायरे में एजेंसी के माध्यम से जॉब बेसिस पर काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा.

जो नियम लागू किए गए है उनका विरोध जताया

हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से संविदा कर्मियों के हक में बड़ा फैसला लिया गया है, लेकिन इन तीनों ही पदों पर कार्य कर रहे संविदा कार्मिकों ने सरकार द्वारा लिए गए फैसलों में जो नियम लागू किए गए हैं उनका विरोध जताया है. संविदाकर्मचारियो ने सरकार से मांग की है कि सरकार द्वारा सभी संविदा अडॉप्ट रूल आदेश संविदा कर्मियों को दिया गया तोहफा ऊंट के मुंह में जीरा है. संविदाकर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि जो संविदा कार्मिक पूर्व में लगे हुए हैं. उनकी सेवा गणना पूर्व से ही की जाकर मानदेय बढ़ाते हुए नियमित करने की प्रक्रिया पूरी की जाए. तब जाकर गहलोत सरकार का चुनावी वादा सही मायने में पुरा हो सकेगा.

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