जयपुर
ट्रेन में कंफर्म टिकट, फिर भी होना पड़ रहा बे-टिकट-रेलवे अधिकारी भी परेशान
Paliwalwaniजयपुर :
ट्रेनों में आरक्षण चार्ट बनने के बाद खाली सीट यात्रियों को उपलब्ध करवाने की रेलवे की सुविधा त्योहारी सीजन में कई यात्रियोें के लिए परेशानी साबित हो रही है। हाल यह है कि कंफर्म टिकट होेने के बावजूद भी बे-टिकट होना पड़ रहा है। इस वजह से यात्री व टिकट चैकिंग स्टाफ दोनों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों से रेलवे अधिकारी भी परेशान है।
दरअसल, कई लोग प्लेटफार्म पर देरी से पहुंचने के कारण अपनी संबंधी बर्थ की बजाय दूसरे कोच में चढ़ जाते हैं, तकि ट्रेन ना छूटे। बाद में उन्हें खुद की सीट तक आने में थोड़ी देर हो जाती है। बाद में यही देरी उनके लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। क्योंकि ज्यादातर ट्रेनों में टिकट चैकिंग स्टाफ को टेबलेटनुमा हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) मशीन दे दी गई है। ये मशीने सर्वर से जोडी गई हैं। टीटीई स्टाफ यात्री का दस मिनट तक सीट पर आने का इंतजार करते हैं।
इसमें देरी होने या इंतजार के बाद भी यात्री के सीट पर नहीं पहुंचने पर टीटीई स्टाफ मशीन में सीट खाली होने की जानकारी अपलोड कर देते हैं। जिसके बाद वह सीट आरएसी या वेटिंग लिस्ट में शामिल अन्य यात्री को स्वत: आवंटित हो जाती है। ऐसे में जो यात्री देरी से सीट पर पहुंच रहे हैं उन्हें इस परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्रियों को होती है।
यह भी आया सामने
कुछ यात्री बॉर्डिंग स्टेशन बदल लेते हैं, लेकिन वे इसकी सूचना रेलवे को नहीं देते हैं। यानी की ऑनलाइन प्रक्रिया या विंडो के माध्यम से बॉर्डिंग स्टेशन में बदलाव नहीं करवाते हैं। जब वे कोच में चढ़ते हैं तब पता चलता है कि उनकी सीट अन्य यात्री को आवंटित हो गई हैं। ऐसे केस भी ज्यादा बढ़ रहे हैं।