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एक्सपर्ट के अनुसार पहली बार टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, जानिए क्या ?
Paliwalwaniअक्सर लोग अपने परिवार को सुरक्षा देने के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेते है। जो 5, 10 और 20 साल तक के लिए कवर देता है। इस दौरान अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है। तो नॉमिनी को एकमुश्त बड़ी रकम दी जाती है। जिससे पॉलिसी धारक का परिवार भविष्य में जीवन यापन कर सके। आज की भाग-दौड़ भरी जिदंगी में ज्यादातर लोग टर्म लाइफ इंश्योरेंस को ही महत्व दे रहे है। लेकिन कई बार टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेते समय गलती हो जाती है। जिसका खामियाजा आपके परिवार को भुगतना पड़ता हैं। इसलिए जब भी आप टर्म इंश्योरेंस ले तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखें।
पहला टर्म प्लान खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें
एक्सपर्ट का कहना है कि, टर्म प्लान जितनी कम उम्र से शुरू करेंगे आपको उतना ही ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि ज्यादा उम्र में टर्म प्लान लेने से आपकी पॉलिसी का प्रीमियम भी ज्यादा होता है। वहीं कम उम्र में टर्म प्लान लेने से न तो आपको मेडिकल टेस्ट की जरूरत पड़ती है और साथ ही पॉलिसी का प्रीमियम भी कम रहता है।
लेने से पहले अपने परिवार की जरूरत को ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर परिवारों में कमाने वाले लोग बहुत कम होते हैं। ऐसे में अनहोनी होने के बाद टर्म इंश्योरेंस के कवरेज से ही परिवार का जीवन यापन होता है। वहीं टर्म इंश्योरेंस के कवर पर एक्सपर्ट कहते है कि, अपनी आय और देनदारी का 10 गुना कवर लेना चाहिए। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये है और देनरारी भी 5 लाख रुपये है। तो ऐसे में आपको 1 करोड़ रुपये के इंश्योरेंस कवर के लिए अप्लाई करना चाहिए।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस अपने रिटायमेंट तक को पूरा करने वाला लेना चाहिए। अगर आप 25 साल की उम्र में टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको 35 साल का टर्म लाइफ इंश्योरेंस चुनना चाहिए। क्योंकि इसके बाद आपकी कोई इनकम नहीं होगी।
टर्म लाइफ लेने से पहले आपको अलग-अलग कंपनियों के टर्म प्लान को जरूर कंपेयर करना चाहिए। क्योंकि कई बार सस्ते प्रीमियम पर आपको वो सभी सुविधाएं मिल जाती है जो महंगे टर्म प्लान में मौजूद नहीं होती। इसके अलावा बीमा कंपनी की पुरानी हिस्ट्री को भी देखना चाहिए। जिससे पता चलता है कि, कंपनी ने कितने दिनों में क्लेम सेटल किए हैं।
इन वजहों से कैंसिल हो सकता है टर्म इंश्योरेंस का क्लेम
- टर्म प्लान के क्लेम को बीमा कंपनी उस स्थिति में देने से मना कर सकती है अगर पॉलिसीधारक की हत्या हो जाए और उसमें नॉमिनी का हाथ होने की भूमिका सामने आए या उस पर हत्या का आरोप हो।
- अगर टर्म पॉलिसी लेने वाला शराब के नशे में ड्राइव कर रहा हो या उसने ड्रग्स लिया हो तो इस स्थिति में मृत्यु होने की स्थिति में बीमा कंपनी टर्म प्लान की क्लेम राशि देने से इंकार कर सकती है।
- अगर टर्म पॉलिसी लेने से पहले से व्यक्ति को कोई बीमारी है और उसने पॉलिसी लेते हुए बीमा कंपनी को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं दी तो उक्त बीमारी से मौत होने पर बीमा कंपनी टर्म प्लान का क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।