इंदौर

कोरोना के नियम की गाज शादी ब्याह पर ही क्यों

अशोक मेहता, इंदौर
कोरोना के नियम की गाज शादी ब्याह पर ही क्यों
कोरोना के नियम की गाज शादी ब्याह पर ही क्यों

इंदौर : शादी ब्याह व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हुई एक आवश्यकता है. जिस से आने वाली पीढ़ी का जन्म होता है और इसी के लिए आदमी पूरे जीवन भर लगा रहता है. हमारे यहां पारंपरिक तौर पर रीति रिवाज के साथ शादी ब्याह करने में कई फंक्शन होते हैं, जिससे अनेकों लोगों को रोजगार मिलता है. छोटे से लेकर बड़े आदमी तक को रोजगार मिलता है. यहां तक कि किराए के कपड़े वालों को, खाना बनाने वाले, बैंड बाजे वाले, टेंट वाले, बर्तन धोने वाली बाइयों को भी रोजगार इन दिनों यहीं से मिलता है. सफाई कर्मी को भी रोजगार मिलता है. सर जी टीकाकरण बहुत जोर शोर से चल रहा है, अनेकों व्यक्ति ने टीका लगा चुके हैं. आए दिन वार त्यौहार पर बाजार में भीड़, कार्यक्रम, चुनावी रैली और चुनावी सभा मे कितनी भीड़ होती है. अभी हाल ही में एक बड़ा समारोह भोपाल में आयोजित हो रहा है, जहां लाखों लोग इकट्ठे होंगे. कम से कम शादी वालों पर ज्यादती मत करें उन्हें निराश ना करे, कई लोगों का रोजगार छीन जायेगा. सरकार के आयोजित कार्यक्रम मे सब बात की छूट है. साहब समझीये शादी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल है. उसके लिए आप इतने सारे नियम लगा रहे हैं. कृपया सख्ती न बरतें, आपके घर में भी शादी ब्याह होगे इस बात का भी ध्यान रखें. आश्चर्य है सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार, वकील महोदय आप लोग इस बात पर क्यों नहीं ध्यान दे रहे. 

  • अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

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