इंदौर
आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर रहे, इंदौर के अस्पतालों की हुई जांच
indoremeripehchan.in
हेमन्त गर्ग की कलम से...
इंदौर.
भोपाल की टीम एक बार फिर पूर्व की तहरा इंदौर पहुंची, मगर बिना नतीजा दिए वापस लौट गई, जांच और कार्यवाही किस प्रकार की गई वो कागजातों में ही दफन हो जाती है, जांच का सारा खर्चा फिर जनता की जेब में डाल दिया जाता हैं, ऐसा जाए तो सारे अस्पतालों में आयुष्मान योजना का गोरखधंधा जोरों पर है, क्योंकि आयुष्मान कार्ड धारक से केवल कागजातों पर हस्ताक्षर करते है, मगर कितना खर्चा हुआ इलाज में इसका कोई ब्योरा नहीं दिया जाता हैं. स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खुली लुट मची हैं.
स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की आयुष्मान योजना के तहत ₹500000 तक का मुफ्त इलाज किया जाता है. निजी अस्पतालों से संबद्धता के बाद उन्हें आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की अनुमति दी जाती है. जिसके चलते इंदौर के कई बड़े अस्पतालों में सरकारी जांच एजेंसी के द्वारा आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर रहे हैं.
आयुष्मान योजना के तहत विभिन्न अस्पतालों में गड़बड़ियों की शिकायत कई बार सरकार तक पहुंच चुकी है, ऐसे में अब जांच एजेंसी द्वारा आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने वाले विभिन्न अस्पतालों की जांच की जा रही है. 2 दर्जन से अधिक अधिकारीयो की टीम ने की सत्यापन की कार्रवाई. स्थानीय अधिकारियो कार्रवाई से दुर रखा उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी नही दी गई.
दरअसल आयुष्मान योजना के तहत इलाज को लेकर विभिन्न अनिमियताओं की शिकायत सरकार तक पहुंची. जिसके बाद जांच दल का गठन किया गया है. जांच दल ने इंदौर के कई बड़े निजी अस्पतालों पर एक साथ छापामार कार्रवाई हुई, आयुष्मान योजना से अनुबंधित, मुफ्त में इलाज करने वाली भारत सरकार की इंदौर के कई नामचीन निजी अस्पतालों पर कल भोपाल से आई टीम ने कई घंटो तक छापामारी की कार्रवाई की.
यह छापा मार कार्रवाई आयुष्मान कार्डधारी मरीजो के इलाज का निजी अस्पतालों द्वारा इलाज के दौरान मरीज पर खर्च की राशि का ऑनलाइन क्लेम के रिकार्ड के अलावा योजना संबंधित अनुबंध मतलब शर्तों के सत्यापन करने के लिए गई. आयुष्मान संबंधित ऑनलाइन रिकार्ड का अचानक सत्यापन करने के लिए पहुची टीम से हड़कंप मच गया. पूरी टीम में विभिन्न अधिकारी शामिल थे. कल कार्रवाई के दौरान भारत आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर योगेश भरसट भी शहर में मौजूद थे.
भारत आयुष्मान योजना से जुड़े इंदौर के निजी अस्पतालो ने योजना संबंधित शर्तों का पालन किया या नही, इन अस्पतालो ने ईलाज के लिए जो बिल क्लेम के लिए सरकार अथवा शासन को दिए. उसमें कोई अनियमितता, गड़बड़ी या धांधली तो नही, यही सब जांचने की लिए सत्यापन की, जिन अस्पतालो में कार्रवाई की गई. उनमे टी चौइथराम, सीएचएल केयर, ओ -2 हॉस्पिटल, किब्स हॉस्पिटल मेडिकेयर स्केवयर, गोकुलदास, राज श्री अपोलो, वेदांत हॉस्पिटल, सलूजा आई केयर, भंडारी हॉस्पिटल, इंडेक्स हॉस्पिटल, गीता भवन एमिनेंट, शंकर आई हॉस्पिटल, वर्मा यूनियन, बांठिया हॉस्पिटल, एसएनजी और वी- वन हॉस्पिटल सहित अन्य कई हॉस्पिटल शामिल है. अब देखना ये होगा की इस सबका नतीजा क्या निकलेगा ओर इन अस्पतालों में यदि कोई अनयिमित्ता होगी तो क्या कार्यवाही की जाएगी.
सत्यापन टीम में यह एक्सपर्ट मौजूद थे
शहर के नामचीन निजी अस्पतालो में कल भोपाल से आयुष्मान सम्बन्धित रिकार्ड का सत्यापन करने आई टीम में चिकित्सा अधिकारी सहित 2 टीम लीडर, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, हेल्थ इंश्योरेंस एक्सपर्ट, आईटी सलाहकार, बिजनेस एनालिस्ट जैसे अनुभवी विशेषज्ञ अधिकारी शामिल थे,
टीम में यह अधिकारी शामिल रहे
भारत आयुष्मान योजना से जुड़े शहर के निजी अस्पतालों का अचानक सत्यापन करने वाली छापामार कार्रवाई में भोपाल के डॉ, इंद्रजीत सिकरवार, डॉ, अरविंद गढ़वाल, डॉ, नवीन दीवान, डॉ, रोहित पंत, डॉ, रविन्द पाल, डॉ, अंकित सिंह परिहार, डॉ, ऋषिराज सिंह, डॉ, अक्षत मण्डलोई, डॉ, सुदीप सरकार, डॉ, अविचन्द्र गोलाईत, डॉ, धर्मेंद्र राजपूत, डॉ, पवित्रा सेठ सहित इंदौर के स्थानीय 13 डाक्टर्स भी शामिल थे,