Monday, 21 July 2025

इंदौर

इंदौर-देवास बायपास पर भीषण जाम ने ली 3 जानें : ब्रिज निर्माण बना वजह, लेकिन असली जिम्मेदार कौन...!

indoremeripehchan.in
इंदौर-देवास बायपास पर भीषण जाम ने ली 3 जानें : ब्रिज निर्माण बना वजह, लेकिन असली जिम्मेदार कौन...!
इंदौर-देवास बायपास पर भीषण जाम ने ली 3 जानें : ब्रिज निर्माण बना वजह, लेकिन असली जिम्मेदार कौन...!

इंदौर-देवास बायपास पर भीषण जाम ने ली 3 जानें, 32 घंटे की कयामत: 4000 से ज्यादा वाहन थे फंसे...!

indoremeripehchan.in

इंदौर-देवास बायपास पर ब्रिज निर्माण के चलते 32 घंटे तक भयंकर जाम लगा रहा, जिसमें 4 हजार वाहन फंसे रहे और तीन लोगों की जान चली गई. टूटी सर्विस लेन पर ट्रैफिक मोड़ने और वैकल्पिक मार्ग बंद होने से स्थिति बिगड़ी. जाम में एंबुलेंस फंसने से एक कैंसर मरीज और हार्ट अटैक से दो लोगों की मौत हो गई.

इंदौर/देवास. मध्य प्रदेश के इंदौर-देवास बायपास पर रविवार शाम से शुरू हुआ भीषण जाम अब सुर्खियों में है। इस जाम ने न केवल 4000 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में लिया, बल्कि 3 लोगों की जान भी ले ली। लगातार 32 घंटे तक चले इस संकट ने न सिर्फ यातायात व्यवस्था की पोल खोल दी, बल्कि सिस्टम की असफलता को भी उजागर कर दिया।

ब्रिज निर्माण बना वजह, लेकिन असली जिम्मेदार कौन...?

दरअसल, इकाचिया-अर्जुन बड़ौदा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे ब्रिज निर्माण कार्य और बारिश से बिगड़ी कच्ची सड़कों ने इस जाम की नींव रखी। लेकिन केवल निर्माण कार्य को दोष देना नाइंसाफी होगी। असल मुद्दा यातायात प्रबंधन की पूरी तरह से नाकामी रहा, जिससे हजारों लोगों को सड़क पर नरकीय स्थिति झेलनी पड़ी।

जिंदगी और मौत के बीच फंसे लोग

इस जाम में फंसे यात्रियों ने खुली सड़कों पर भूख-प्यास से तड़पते हुए रातें गुजारीं। एंबुलेंस लगातार सायरन बजाती रही लेकिन जाम ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। स्कूल बसों में फंसे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बेबस होकर मदद की राह देखते रहे। सबसे भयावह पहलू तब सामने आया जब 3 लोगों की मौत की खबर आई।

  • जानकारी के अनुसार : इंदौर के कमल पांचाल और सुजालपुर के बलराम पटेल की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। गांव गारीपिपलिया के संदीप पटेल, जो कैंसर मरीज थे, समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ बैठे।

प्रशासन सोता रहा, मीडिया जागा तब हरकत में आई मशीनरी

दैनिक भास्कर और NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, 5 से 6 किमी लंबी कतारों में गाड़ियां फंसी रहीं। जाम की गंभीरता जब मीडिया में सामने आई, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम अजय शुक्ला, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। घंटों की मशक्कत के बाद धीरे-धीरे जाम हटाया गया।

कलेक्टर का दावा और जिम्मेदारी का टालमटोल

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा : एनएचएआई द्वारा सर्विस रोड का मजबूतीकरण समय पर नहीं किया गया, जिससे समस्या गहराई। ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू कर दिया गया है और स्थिति अब सामान्य हो रही है।”

कलेक्टर ने बताया कि :

  • मानपुर की ओर से आने वाला ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है।
  • इंदौर से निकलने वाले भारी वाहनों को देवगढ़िया मार्ग पर भेजा जा रहा है।
  • डकाचिया और जयपुरिया इंस्टीट्यूट से होकर वैकल्पिक रास्तों को सक्रिय किया गया है।

लेकिन सवाल अब भी कायम हैं…

  • क्या बारिश के मौसम में निर्माण कार्य शुरू करते समय प्रशासन को ट्रैफिक का आकलन नहीं करना चाहिए था?
  • क्या किसी की योजना में यह नहीं था कि कच्चे रास्ते बारिश में नहीं टिकेंगे?
  • क्या 3 जानें सिर्फ एक चूक के कारण गईं?
  • जनता के सवालों का जवाब अभी बाकी है
  • अब अधिकारियों की आपात बैठकें हो रही हैं, ट्रैफिक रूट फिर से प्लान हो रहे हैं, लेकिन जो तीन परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, उनके लिए ये योजनाएं बहुत देर से आईं।
whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News