इंदौर

भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का जाना भारत देश के लिए अपूरणीय क्षति : जैन समाज

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भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का जाना भारत देश के लिए अपूरणीय क्षति : जैन समाज
भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का जाना भारत देश के लिए अपूरणीय क्षति : जैन समाज

विनम्र श्रद्धांजलि... 

राजेश जैन दद्दू 

इंदौर. 

भारत वर्षीय समंग्र जैन समुदाय की ओर से, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी एवं देश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया. धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने कहा कि यह देश के लिए एक अपूरणीय क्षति हैं. हमने एक ऐसे विद्वान, दूरदर्शी नेता और कुशल प्रशासक अर्थशास्त्री को खो दिया है.

जिनके नेतृत्व और नीतियों ने भारत की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दिशा को नई ऊंचाइयां प्रदान की. इंदौर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेन्द्र जैन ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के शासनकाल में भारत वर्षीय’जैन समुदाय’ को विशेष सम्मान मिला. उनके नेतृत्व में जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा’पुर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के प्रयासों से प्रदान किया गया.

जो उनके समावेशी दृष्टिकोण और भारतीय विविधता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसके अतिरिक्त 27 मई 2006 को नई दिल्ली में उन्होंने ’ब्रिटिश लाइब्रेरी के जैन पांडुलिपियों के संग्रह का उद्घाटन कर जैन संस्कृति और धरोहर के संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक योगदान दिया.  

उनके प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए आर्थिक सुधारों का जो दौर शुरू हुआ. उसने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया. उनके नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए, जो आज भी हमारे देश के विकास का आधार हैं. 

आओ जाने : डॉ. मनमोहन सिंह जी का जीवन ’सादगी, समर्पण और सेवा का प्रतीक’ रहा. उनके द्वारा स्थापित नीतियां और आदर्श न केवल भारत के लिए ही नहीं पूरे विश्व के लिए संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायक हैं. 

इंदौर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी महावीर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित कासलीवाल, डॉ. जैनेन्द्र जैन, राकेश विनायका, सुशील पांड्या, हंसमुख गांधी, टीके वेद, कांतिलाल बंम, अशोक मेहता, योगैन्द्र जैन, अनुरोध जैन, मयंक जैन, नरेंद्र वेद, नकुल पाटोदी, सौरभ पाटोदी, प्रदीप बडजात्या, कमल रावका, कमल जैन, चेलेजर डीएल जैन एवं पुष्पा कासलीवाल, श्रीमती मुक्ता जैन, रेखा जैन संपादक सारिका जैन, विजया जेन आदि ने गहरा शोक प्रकट करते हुए अपने श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए भावपूर्ण श्रद्वाजंलि दी. 

हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार एवं देशवासियों को इस दुखद घड़ी सहन करने में शक्ति प्रदान करें. जैन समुदाय सदैव उनके योगदान को स्मरण करेगा.

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