इंदौर

भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजित : प्रतिमाओं का 108 कलशों से स्नान, शैय्याधिवास की प्रक्रिया संपन्न

Paliwalwani
भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजित : प्रतिमाओं का 108 कलशों से स्नान, शैय्याधिवास की प्रक्रिया संपन्न
भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजित : प्रतिमाओं का 108 कलशों से स्नान, शैय्याधिवास की प्रक्रिया संपन्न

इंदौर :

मंदिर की सीढ़ियों के पास प्राचीन मंदिर के गर्भगृह के ऊपर वाले स्थान पर भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजित होंगी।दोपहर में 4.30 बजे आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि पुनः मंदिर आकर नूतन मंदिर के लोकार्पण की रस्म संपन्न करेंगे और सत्संग सभा को भी संबोधित कर अपने आशीर्वचन देंगे। 

राज्य के गृहमंत्री पं. नरोत्तम मिश्रा भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों एवं आश्रमों से आए संत-विद्वान भी उपस्थित रहेंगे। सुश्री कविता पौड़वा की भजन संध्या -  प्रख्यात पार्श्व गायिका अनुराधा पौड़वाल की बेटी सुश्री कविता पौड़वाल की भजन संध्या में आज रात हजारों श्रद्धालु देर रात तक जमे रहे।  सुश्री कविता ने अपनी माता अनुराधा जी की तरह अनेक लोकप्रिय भजन एवं गीत सुनाए । उन्होंने ‘प्रकट हुई है मां...’’, माता तेरी सदा हो जय..., तू शबरी बनकर तो दिखा... , ऐसा जादू कर गई राधा रानी... और सुबह को बोल, शाम को बोल.... जैसे लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुतियां देकर भक्तों को सम्मोहित बनाए रखा। अन्नपूर्णा आश्रम परिवार की ओर से मुख्य यजमान विनोद-नीना अग्रवाल, दिनेश-राजरानी मित्तल, श्याम सिंघल, किशोर गोयल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल,  वरजिंदरसिंह छाबड़ा, सत्यनारायण शर्मा, जगदीश भाई पटेल आदि ने उनका स्वागत किया।

आज हीरे-जवाहरात और स्वर्ण-रजत सहित मूल्यवान धातुओं को गर्भगृह में रखकर होगी अन्नपूर्णा मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि आएंगे – प्रतिमाओं का 108 कलशों से स्नान, शैय्याधिवास की प्रक्रिया संपन्न

नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा मंदिर के गर्भगृह में शुक्रवार को सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात और अन्य मूल्यवान धातुएं रखकर अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.30 बजे आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सानिध्य में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि प्राण प्रतिष्ठा संपन्न करेंगे। दोपहर में 4.30 बजे स्वामी अवधेशानंदजी 22 करोड़ रु. की लागत से संगमरमर के नव निर्मित मंदिर का लोकार्पण भी करेंगे। 

इन सभी रस्मों के निर्वहन के बाद सायं 5. से 6 बजे के बीच नूतन मंदिर में मां के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों के लिए मंदिर के पट खेल दिए जाएंगे।  राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इधर, मंदिर पर चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 11 आचार्यों के निर्देशन में सभी प्रतिमाओं का 108 कलशों से मुख्य यजमान विनोद-नीना अग्रवाल एवं यजमान समूह के युगलों ने स्नपन विधि से स्नान कराया। लगभग एक घंटे की इस शास्त्रोक्त प्रक्रिया के बाद सभी प्रतिमाओं का शैय्याधिवास भी कराया गया। शुक्रवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में इन सभी प्रतिमाओं को उन स्थानों पर विराजित कर दिया जाएगा, जहां इनकी प्राण प्रतिष्ठा होना है। इस महोत्सव में देश के अनेक संत-विद्वान भी अन्नपूर्णा मंदिर आए हुए हैं।

आठ दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तृतीय दिवस पर आज मंदिर के पीछे निर्मित यज्ञशाला में 111 विद्वान आचार्यों ने मंडप देवताओं के पूजन एवं गृहशांति के साथ शुरुआत की। आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में दोपहर बाद नवश्रृंगारित मंदिर में मां अन्नपूर्णा, मां कालिका एवं मां सरस्वती के साथ गणेशजी, हनुमानजी, शंकरजी एवं मां गायत्री की प्रतिमाओं की आंखों पर पट्टी बांधकर गर्भगृह के सामने लाया गया, जहां तांबे के 108 कलशों से देश की पवित्र नदियों, समुद्र, फलों के रस, पंचगव्य, शहद, केशर, इत्र, गोमय, जड़ी बूटी एवं विभिन्न प्रकार की औषधियों के जल से स्नपन विधि से मंत्रोच्चार के बीच स्नान कराया गया। महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि  एवं मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि  के साथ ओंकारेश्वर अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानन्द गिरि, स्वामी आत्मप्रकाश यति,  पंचदशनाम जूना अखाडा के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, सभापति जूना अखाडा श्रीमहंत प्रेम गिरि, श्रीमहंत स्वामी उमाशंकर भारती, जम्मू के स्वामी हृदयानंद गिरि सहित  अनेक संत, विद्वान मौजूद थे। आश्रम के न्यासी मंडल की ओर से गोपालदास मित्तल,  सत्यनारायण शर्मा, श्याम सिंघल, दिनेश मित्तल,  टीकमचंद गर्ग, पवन सिंघानिया, सुनील गुप्ता, जगदीश भाई पटेल सहित अनेक श्रद्धालुओं ने सभी संत-विद्वानों की अगवानी की। अतिथियों का स्वागत किशोर गोयल, सुशील बेरीवाल, सुरेश बंसल, रवि गुप्ता, राम ऐरन, स्वामी विजयानंद, स्वामी सुरेशानंद, स्वामी प्रणवानंद गिरि आदि ने किया।  108 कलशों से स्नान के बाद विद्वान आचार्यों ने सभी यजमानों से प्रतिमाओं के शैय्याधिवास की विधि संपन्न कराई। हजारों की संख्या में भक्तों ने इन सभी प्रक्रियाओं को बाहर खड़े रहकर देखा और मंत्रों की आवाज के साथ ही बार-बार अपने हर्ष की अभिव्यक्ति भी मातारानी के जयकारे के साथ करते रहे।

आज मुख्य समारोह – आश्रम परिवार के गोपालादास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 6 बजे सभी प्रतिमाओं को उनके निर्धारित स्थान पर विराजित कर उनके गर्भगृह के नीचे स्वर्ण, रजत, हीरा-पन्ना, जवाहरात एवं अन्य मूल्यवान धातुएं रखी जाएंगी। अब तक मंदिर के ट्रस्ट मंडल के अलावा संचालन समिति एवं आम भक्तों की ओर से करीब 51 भक्तों ने अपनी मूल्यवान धातुएं गर्भगृह के नीचे रखने के लिए मंदिर को सौंपी है।  शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे तक अन्य श्रद्धालु भी यदि मां अन्नपूर्णा और अन्य देवियों को  अपनी ओर से मूल्यवान धातुएं समर्पित करना चाहें तो मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेन्द्रानंद से सम्पर्क कर सकते हैं। सुबह 10.30 बजे के बाद मूर्तियों को गर्भगृह में स्थापित कर दिया जाएगा, जिनकी प्राण प्रतिष्ठा जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सानिध्य में सुबह 11.30 बजे अभिजीत मुहूर्त में करेंगे। इस प्रसंग पर स्थापित देवताओं के पूजन के बाद शिखर कलश की प्रतिष्ठा भी होगी औऱ ध्वजारोहण भी किया जाएगा। इसके पूर्व यज्ञ, हवन होगा और प्राण प्रतिष्ठा की विधि संपन्न होगी। प्राचीन मंदिर की तीनों प्रतिमाओं, मां अन्नपूर्णा, मां कालिका एवं मां सरस्वती की प्रतिमाएं नूतन मंदिर के गर्भगृह में विराजित  की जाएंगी। इसके बाद 56 भोग समर्पित किए जाएंगे और पहली आरती होगी। मंदिर की सीढ़ियों के पास प्राचीन मंदिर के गर्भगृह के ऊपर वाले स्थान पर भगवान शंकर को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजित होंगी।दोपहर में 4.30 बजे आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि पुनः मंदिर आकर नूतन मंदिर के लोकार्पण की रस्म संपन्न करेंगे और सत्संग सभा को भी संबोधित कर अपने आशीर्वचन देंगे। राज्य के गृहमंत्री पं. नरोत्तम मिश्रा भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों एवं आश्रमों से आए संत-विद्वान भी उपस्थित रहेंगे। 

सुश्री कविता पौड़वा की भजन संध्या -  प्रख्यात पार्श्व गायिका अनुराधा पौड़वाल की बेटी सुश्री कविता पौड़वाल की भजन संध्या में आज रात हजारों श्रद्धालु देर रात तक जमे रहे।  सुश्री कविता ने अपनी माता अनुराधा जी की तरह अनेक लोकप्रिय भजन एवं गीत सुनाए । उन्होंने ‘प्रकट हुई है मां...’’, माता तेरी सदा हो जय..., तू शबरी बनकर तो दिखा... , ऐसा जादू कर गई राधा रानी... और सुबह को बोल, शाम को बोल.... जैसे लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुतियां देकर भक्तों को सम्मोहित बनाए रखा। अन्नपूर्णा आश्रम परिवार की ओर से मुख्य यजमान विनोद-नीना अग्रवाल, दिनेश-राजरानी मित्तल, श्याम सिंघल, किशोर गोयल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल,  वरजिंदरसिंह छाबड़ा, सत्यनारायण शर्मा, जगदीश भाई पटेल आदि ने उनका स्वागत किया।

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