इंदौर
श्री गौरव रणदिवे इंदौर भाजपा में नई पौध का उदय : भाजपा सांवेर में जोखिम नहीं लेने के मूड
Sunil paliwal-Anil bagoraइंदौर। ( श्री शैलेन्द्र सिंह पंवार की नजर में...✍️) वीडी शर्मा और सुहास भगत के द्वारा 24 जिलों में अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए है, जिस प्रकार से ये नियुक्तियां की गई है, उससे साफ है कि भाजपा अब कोरोना संकट से बाहर आने के मूड में है। पार्टी मान चुकी है कि कुछ समय सभी को कोरोना के साथ ही अपने को ढालना होगा, इसलिए भाजपा ने ये शुरुआत अपनो से की है। कोरोना से बाहर निकलेंगे तभी चुनावी मूड में आएंगे, क्योंकि 2 या 4 नहीं, पुरे 24 उपचुनावों का सामना करना है और इस पर ही श्री शिवराज सिंह सरकार का भविष्य भी टिका हुआ है।
● श्री शिवराज सिंह सरकार ने कोरोना संकट से...
भले ही उपचुनाव है, लेकिन इतने अधिक होने से प्रदेश का पुरा वातावरण चुनावी होगा, इसलिए धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अब पटरी पर आना होगा और इसकी शुरुआत 24 जिलों में अध्यक्ष बनाकर की गई है। स्पष्ट है कि अब वीडी शर्मा की प्रदेश टीम भी जल्द ही आस्तित्व में आ जाएगी। भाजपा, कांग्रेस को कोई मौका देने के मूड में नहीं है, अगर कोरोना में ही उलझे रहेंगे तो कांग्रेस को भी भाजपा पर हमले करने के मौके मिलते रहेंगे और ये मोके फिर उसके लिए उपचुनाव में काम आएंगे, इसलिए ही श्री शिवराज सिंह सरकार ने कोरोना संकट से प्रदेश को और भाजपा ने अपने घर को चाक चौबंद करने की शुरूआत कर दी है। 24 जिलों में इंदौर नगर व ग्रामीण के अध्यक्ष भी शामिल है, नगर में श्री गौरव रणदिवे को अध्यक्ष बनाया गया है, जो अभी तक भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष थे, पुर्व में वे युवा बिग्रेड के प्रदेश मंत्री भी रह चुके है। सीधे तौर पर उन्हें श्री कैलाश विजयवर्गीय का संरक्षण है, लेकिन उन्होंने संघ के साथ ही भाजपा में भी अपने कई शुभचिंतक बना रखे है, तय है कि इन शुभचिंतकों का भी इसमें उन्हें सहयोग मिला होगा। इसमें श्री सुहास भगत प्रमुख है, भगत की चलती तो वे रणदिवे को राऊ से विधानसभा चुनाव भी लड़ा देते। रणदिवे ने भी पिछले चार साल में भगत को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इसमें अब वो सफल होते हुए भी दिखाई दिए।
● रणदिवे की ऊर्जा और तेजतर्रार कार्यशैली
हालांकि रणदिवे की ऊर्जा और तेजतर्रार कार्यशैली को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, वे किसी के भी खास रहे हो, पर उन्होंने भी संगठन में अपने को सिद्ध किया है। उनके पास युवाओं की टीम भी है और साधन संपन्न में भी पीछे नहीं है। इंदौर भाजपा में शुरू से ही मराठी नेताओं का वर्चस्व रहा है, भाजपा ने इसे कभी कम नहीं होने दिया। सुमित्रा महाजन और कृष्णमुरारी मोघे का मराठी नेता के तौर पर लंबे समय से वर्चस्व रहा है, जो अब चला चली की बेला में है। मैदानी राजनीति से ये दोनों ही दूर हो चुके है और मंचों व बैठकों तक ही सीमित है। शायद इसलिए भी नई मराठी पौध के तौर पर भी रणदिवे को मौका दिया गया है, रणदिवे मराठी ब्राह्मण है।
● सांवेर में राजेश सोनकर को नजर अंदाज करना जोखिम भरा
अब बात करें राजेश सोनकर की, सोनकर को सांवेर से होने वाले नुकसान की भरपाई के तौर पर इंदौर ग्रामीण का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें अगर अध्यक्ष नहीं भी बनाते तब संगठन में और कुछ ना कुछ जरूर बनाया जाता। सोनकर सांवेर के पुर्व विधायक है और उन्होंने यहा अपनी जड़ें मजबूत की है। सांवेर में भाजपा को उपचुनाव में जाना है, इस कारण से उन्हें नजर अंदाज करना भी जोखिम भरा हो सकता था। इंदौर में भले ही सोनकर को ताई का समर्थन मिलता था, पर शिवराज सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह तोमर व वीडी शर्मा भी उन्हें पसंद करते है। सोनकर सहज सरल तो है ही, संगठन लाइन को भी अक्षरसः पालन करने की कोशिश करते है। सांवेर में चुनाव तुलसी सिलावट लड़ेंगे, पर उसे लीड सोनकर ही करेंगे। सिलावट अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के ही प्रभाव में रहेंगे और इस प्रभाव का असर सांवेर में भी दिखाई देगा, शेष ग्रामीण के साथ सांवेर में भी भाजपा का प्रभाव दिखाई दे इसके लिए भी सोनकर को अध्यक्ष बनाया गया है। सोनकर अजा वर्ग से आते है और अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने उनकी राजनीतिक संभावनाओं को जीवित भी कर रखा है।
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Sunil Paliwal-Anil Bagora...✍️
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