इंदौर

इंदौर में हुकुमचंद मिल की जमीन पर बनेगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रिहायशी प्रोजेक्ट, सीएम मोहन यादव कैबिनेट की हरी झंडी

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इंदौर में हुकुमचंद मिल की जमीन पर बनेगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रिहायशी प्रोजेक्ट, सीएम मोहन यादव कैबिनेट की हरी झंडी
इंदौर में हुकुमचंद मिल की जमीन पर बनेगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रिहायशी प्रोजेक्ट, सीएम मोहन यादव कैबिनेट की हरी झंडी

Indore Hukumchand Mill: इंदौर की हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर जमीन पर कमर्शियल और रेसिडेंशियल आवास निर्माण के साथ बड़ा शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनेगा। इसकी मंजूरी मंगलवार को सीएम मोहन यादव कैबिनेट में हुई।

हुकुमचंद मिल की जमीन पर त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर काम किया जाएगा। सरकार इस प्रोजेक्ट में ग्रीनरी पर खास फोकस करेगी। इस मिल की 450 करोड़ रुपए की देनदारी सरकार कर्मचारियों को दे चुकी है।

मोहन यादव कैबिनेट में निर्णय

मंत्रालय में मंगलवार 4 फरवरी को मोहन यादव सरकार की कैबिनेट ने इंदौर की हुकुमचंद मिल की जमीन पर एक बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है। हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर जमीन पर कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस जमीन पर कमर्शियल प्रोजेक्ट के साथ रेजिडेंशियल अपार्टमेंट का भी निर्माण किया जाएगा। कमर्शियल प्रोजेक्ट के प्रस्ताव के तहत मिल की इस जमीन पर एक बड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाएगा। इस फैसले की जानकारी देते हुए नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि हुकुमचंद मिल की जमीन पर कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट के लिए त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इंदौर की इस बेशकीमती जमीन पर हुकुमचंद मिल मिल श्रमिकों की बकाया करीब 450 करोड़ रुपए की देनदारी का भुगतान सरकार पहले ही कर चुकी है।

प्रोजेक्ट से 25 हजार लोगों को होगा फायदा

इंदौर में नगर निगम के मालिकाना हक वाली हुकुमचंद मिल की जमीन पर इस प्रोजेक्ट से करीब 25000 लोगों को लाभ होगा। सरकार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट में करीब 4000 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट होगा और 10000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। शहर के बीचों-बीच स्थित इस जमीन पर आकार लेने वाले इस प्रोजेक्ट में ग्रीनरी का भी खास ध्यान रखा जाएगा।

नगर निगम से हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर होगी जमीन

हुकुमचंद मिल की जमीन नए प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम से हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए अलग से कोई प्रोसेस की जरूरत नहीं होगी। चूंकि दोनों सरकार के विभाग हैं, सो सामान्य प्रक्रिया से जमीन हस्तांतरित की जाएगी।

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