Wednesday, 10 December 2025

इंदौर

lighthouse project : करोड़ों के लाइट हाउस प्रोजेक्ट की जांच करने दिल्ली की टीम आएगी इंदौर, फ्लैट लेने वाले फजीहत में

paliwalwani
lighthouse project : करोड़ों के लाइट हाउस प्रोजेक्ट की जांच करने दिल्ली की टीम आएगी इंदौर, फ्लैट लेने वाले फजीहत में
lighthouse project : करोड़ों के लाइट हाउस प्रोजेक्ट की जांच करने दिल्ली की टीम आएगी इंदौर, फ्लैट लेने वाले फजीहत में

8 ब्लाक में 1024 फ्लैट बनाए थे, घटिया कार्यों के कारण फ्लैट लेने वाले फजीहत में, तीन दिन पहले दिल्ली के अधिकारियों ने की थी चर्चा

इंदौर.  बहुचर्चित लाइट हाउस प्रोजेक्ट (lighthouse project) का घटिया काम अब इन्दौर (Indore) से लेकर दिल्ली (Delhi) तक चर्चा में है और नगर निगम (Municipal council) के अधिकारियों ने इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर शहरी विकास मंत्रालय को भेजी थी, जिसके चलते तीन दिन पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में ठेकेदार और निगम के अफसरों से चर्चा की गई और अब दिल्ली से आने वाले दिनों में टीम आने वाली है, जो पूरे मामले की पड़ताल करेगी।

नई तकनीक और सेंडविच पैनल पद्धति के आधार पर इन्दौर में भी लाइट हाउस प्रोजेक्ट का काम करोड़ों की लागत से शुरू हुआ था और दिल्ली से ही इसका टेंडर फायनल कर केपीआर कंपनी को काम सौंपा गया था। इन्दौर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत 8 ब्लाक में 1024 फ्लैट बनाए गए थे और इस पर करीब 400 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च हुई थी।

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से फ्लैट को लेकर वहां रहने वाले लोगों ने तमाम शिकायतें शुरू कर दी, क्योंकि अलग-अलग हिस्सों में पानी का रिसाव और सीलन के कारण घरों की हालत खस्ताहाल होती जा रही है। इस मामले को लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने रहवासियों से बातचीत के बाद मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी और वह रिपोर्ट दिल्ली केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजी गई।

तीन दिन पहले मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी कुलदीप नारायण ने इस मामले में निगम के अधिकारियों से बातचीत की और साथ ही ठेकेदार से भी चर्चा की। चर्चा में कई बातों को लेकर विरोधाभास था, जिसके चलते अब दिल्ली शहरी विकास मंत्रालय की एक टीम आने वाले दिनों में इन्दौर आकर लाइट हाउस प्रोजेक्ट की पूरी पड़ताल करेगी। निगम अफसरों का कहना है कि इस कार्य के लिए दिल्ली से टेंडर फायनल करने के साथ-साथ तमाम प्रक्रिया पूरी की गई। यहां सिर्फ अफसरों ने कार्यों की मानिटरिंग की थी।

अन्य इमारतों में भी कई मामलों को लेकर शिकायतें

नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूरी टेकरी से लेकर कई अन्य स्थानों पर मल्टियां बनवाई गई हैं और इसके टेंडर निगम द्वारा फायनल किए गए थे और कई जगह मल्टियां बनकर तैयार भी हो चुकी है, लेकिन वहां ड्रेनेज से लेकर पानी की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं और बार-बार निगम पहुंचकर अफसरों का घेराव करते हैं। इसके अलावा कई ब्लाक में मल्टियों की मेन्टेनेंस राशि को लेकर भी विवाद चल रहे हैं।

अब बड़ी संख्या में बिकने लगे हैं फ्लैट

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम ने भूरी टेकरी, रंगवासा, राऊ से लेकर सिलिकॉन सिटी के समीप नई इमारतों का निर्माण विभिन्न फर्मो की मदद से शुरू कराया है। कुछ दिनों पहले प्रशासन से मल्टियों के लिए जगह भी मिली थी और उसके बाद इन स्थानों पर अलग-अलग मल्टियों के ब्लॉक बनाना शुरू किए गए हंै। अब तक करीब 15 हजार से ज्यादा फ्लैट निगम द्वारा इस योजना के तहत विभिन्न हितग्राहियों को बेचे जा चुके हैं और इनमें से अधिकांश को फ्लैटों के पजेशन भी दिए जा चुके हैं और कुछ जगह मल्टियों का निर्माण कार्य जारी है। निगम द्वारा बनाई गई मल्टियों में कुछ बरसों पहले तक लोग फ्लैट नहीं खरीदते थे, लेकिन सब्सिडी और कम राशि के फ्लैट होने के चलते बड़ी संख्या में लोग फ्लैटों को खरीदने में लगे हैं।

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