इंदौर
श्री गणेश के नारों से गूंज उठा इंदौर : गणेश चतुर्थी की धूम
sunil paliwal-Anil Bagora
इंदौर. मध्य प्रदेश का इंदौर शहर इस समय जय श्री गणेश के नारों से गूंज उठा है. गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित बड़ा गणपति मंदिर में एशिया के सबसे बड़े श्री गणेश जी की भव्य प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. यह विशालकाय प्रतिमा 25 फीट ऊंची और 14 फीट चौड़ी चौकी पर विराजमान है.
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्थित बड़ा गणपति मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां विराजित 25 फुट ऊंची भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा एशिया में सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा माना जाता है. भगवान गणेश की यह आकर्षक प्रतिमा 4 फुट ऊंचे और 14 फुट चौड़ी चौकी पर विराजित है. गणेशजी की इस आकर्षक प्रतिमा का निर्माण 107 साल पहले 17 जनवरी1901 को पूरा हुआ था. इसे बनाने में करीब तीन साल का समय लगा था.
सन् 1901 में स्वर्गीय पंडित नारायण दाधीच द्वारा इस प्रतिमा की स्थापना की गई थी. मान्यता है कि श्री गणेश ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए, जिसके आधार पर उन्होंने इस भव्य मूर्ति का निर्माण करवाया. प्रतिमा का निर्माण चूना, गेरू, रेत, मेथी दाना, गौशाला की मिट्टी, हाथी की खान, सोना, चांदी, लोहा जैसी अष्ट धातुओं, नवरत्नों और देश की पवित्र नदियों के जल से किया गया है. इस विशाल मूर्ति को बनाने में करीब तीन वर्ष का समय लगा. यहां गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक 10 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना होती है.
इस प्रतिमा में मुख सोने औऱ चांदी, कान, हाथ तथा सूड़ तांबे से और पैर लोहे के सरियों से बनाए गए हैं. बड़ा गणपति को साल में चार बार चोला चढ़ाया जाता है. चोला को एक बार चढ़ाने में 15 दिन लग जाते हैं. एक मन के चोले में 25 किलोग्राम सिंदूर और 15 किलोग्राम घी का मिश्रण होता है.





