इंदौर

indore news : शिक्षाविदों, ब्रह्मचारी दीदी व विद्यार्थियों ने दी आचार्यश्री को विनयांजलि

sunil paliwal-Anil Bagora
indore news : शिक्षाविदों, ब्रह्मचारी दीदी व विद्यार्थियों ने दी आचार्यश्री को विनयांजलि
indore news : शिक्षाविदों, ब्रह्मचारी दीदी व विद्यार्थियों ने दी आचार्यश्री को विनयांजलि
  • प्रतिभा स्थली रेवती रेंज पर ब्रह्मचारी दीदी, युवतियों व विद्यार्थियों ने दी भजनों से किया आचार्यश्री का गुणगाण
  • आचार्यश्री के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए प्रतिभा स्थली रेवती रेंज सहित जबलपुर प्रतिभा स्थली के किस्सों को किया साझा

इन्दौर : रविवार को सांवेर रोड़ रेवती रेंज स्थित प्रतिभा स्थली पर विनयांजलि सभा का आयोजन हुआ। जिसमें दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के साथ ही शहर के शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही धार्मिक व राजनीतिक क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य नागरिकों ने आचार्यश्री के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें विनयांजलि दी। विनयांजलि सभा में प्रतिभा स्थली के 300 से अधिक विद्यार्थी भी शामिल हुए जिन्होंने भजनों की प्रस्तुति से आचार्यश्री को स्मरण भी किया।

दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्र जैन व कमल अग्रवाल ने बताया कि विनयांजलि सभी की शुरूआत ब्रह्मचारी साक्षी दीदी ने भजनाजलि की प्रस्तुति के साथ की। इसके पश्चात सभी जनप्रतिनिधि, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकार संघ व शिक्षाविदों ने आचार्यश्री की तस्वीर पर दीप प्रज्जवलन कर  उन्हें विनयांजलि दी। वहीं एलईडी स्क्रीन पर महामुनिराज विद्यासागर महाराज की उपलिब्धयों को बताया गया। मेरे गुरू तू मुझको बता... बिना तेरे क्या कुरू... गीत की प्रस्तुति ने सभा में उपस्थित सभी श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। वहीं इसके पश्चात सभी अतिथियों ने आचार्यश्री के साथ अपने अनुभवों को सभी विद्यार्थियों व समाज बंधुओं के समक्ष साझा किया।

प्रारंभ में ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने रेवती रेंज प्रतिभा स्थली के निर्माण सहित वहां संचालित की जा रही गतिविधियों की जानकारी सभी के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने आचार्यश्री द्वारा नारी उत्थान के लिए किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने जबलपुर में संचालित प्रतिभा स्थली को किस्सों को भी सभी के समझ साझा किया।

अध्यक्ष डीके तिवारी ने आचार्यश्री के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि आचार्यश्री ने मुझे दो शब्दों में शिक्षा का महत्व बताया था- हित का सर्जन और अहित का विसर्जन। मैं आज भी इसी वाक्य को अपने जीवन में चरितार्थ करते हुए शिक्षा की अलख जगा रहा हूं। भारत में जितने भी पाठ्यक्रम विद्यार्थी को पढ़ाए जाते हैं वह आचार्यश्री को कंठस्थ याद थे। उन्होंने शिक्षक कैसे होने चाहिए और समाज के प्रति शिक्षक की क्या भूमिका होना चाहिए। इसका भी महत्व सभी को बताया। आचार्यश्री की रचना मुख माठी काव्य को याद कर उन्होंने विनयांजलि दी।

केंद्रीय विद्यालय प्राचार्य मनीष जैन ने धर्म का महत्व बताते हुए कहा कि धर्म धारण करने योग्य है। हम जो भी विचार करते हैं उसे हमारे जीवन में हमें उतारना चाहिए। हमारी विनयांजलि आचार्यश्री को यही होगी कि हम उनके विचारों को हमारे आचरण में उतारें और उनके बताए मार्ग पर निरंतर चलते रहें। उन्होंने कहा कि विद्यालय दीवारों, सुख-सुविधाओं से नहीं बनता हैं, विद्यालय शिक्षकों के संस्कार व अभिभावकों के संस्कार से विद्यालय बनता है। प्रतिभा स्थली जैसे स्कूलों का निर्माण करके आचार्यश्री ने जो शिक्षा की अलख जगाई हैं अब हम सभी की जिम्मेदारी हैं कि इसे हम आगे बढ़ाएं व प्रत्येक विद्यार्थी में जैन संस्कार व हमारे सिद्धांतों से अवगत कराएं।

प्रोफेसर संगीता ने कहा कि सत्यम, शिवम, सुंदरम के पर्याय विराट व्यक्तितत्व पर बोलने के लिए मेरी वाणी मौन हो रही है। आचार्यश्री समाज, परिवार, देश के ही शिल्पी नहीं है वरन व संपूर्ण जगत के शिल्पी रहे हैं। नारी उत्थान व शिक्षा पर किए गए उनके कार्य युगों-युगों तक याद किए जाएंगे।

प्रदीप जी भल्ला ने कहा कि आचार्य श्री जी की समाधी एंव आचार्य श्री जी के आर्शीवाद से चलने वाले विभिन्न कार्य हथकरघा, गौशालाएं, चिकित्सा, शिक्षा एंव मंदिरों की जानकारी प्रदान की।

आनंदीलाल जी शर्मा, नरेन्द्र जी जैन व अशोक डोशी ने कहा कि हम सभी की आत्मा में आचार्यश्री विद्यमान है। आज समाज, परिवार और देश अगर तरक्की की कर रहा है तो वह हमारे जैन संतों का ही प्रताप है। हमारे संतों ने न सिर्फ समाज व परिवार का चिंतन की बल्कि देश व विश्व पर आने वाली विपदाओं से भी हमें समय-समय पर आगाह किया।

राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) ने कहा कि जैन समुदाय से आग्रह किया कि आचार्यश्री को एक दिन विनयाजंलि नहीं अपितु अपने घर, व्यापार व ऑफिस में आचार्यश्री की तस्वीर लगाएं और उन्हें प्रत्येक दिन विनयाजंलि दें साथ ही आचार्यश्री के संदेशों को भी जन-जन तक प्रचारित व प्रसारित करें।

प्रतिभास्थली इंदौर  की प्रार्चाया रुपाली दीदी ने कहा कि शब्द गौण है आवाज खामोश है अविश्वास सा लग रहा है कि आचार्य श्री जी हमारे समक्ष नहीं है शिक्षा, हथकरघा सहित अनेक प्रकृल्प  गुरु आशीष की छांव मे पलल्वित पुष्पित हो रहे है हम सब बहनों को दिशा बोध देकर शिक्षा के क्षेत्र से जोडकर सभी का कल्याण मार्ग प्रसस्त कर दिया।

दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्र जैन व अशोक डोसी ने बताया कि रविवार को पूरे देश में एक साथ एक समय पर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज को विनयाजंलि सभा आयोजित की गई थी। रेवती रेंज पर आयोजित सभा में श्रीमती संगीता मेहता, रेणु जैन, मीना जी रावत,  ऋतिक जैन ने भी अपने अपने भावों से आचार्य श्री जी के प्रति अपने मन के उदगार प्रकट किए। अरविंद जी बंडी, राहुल जैन, डा. सिद्धार्थ जैन, अशोक डोशी, दिलिप राजपाल, प्रदीप जैन (स्टील), पारस अग्रवाल, राहुल अग्रवाल ने भी स्मरण करते हुए आचार्यश्री जी का गुणगान किया। कार्यक्रम का संचालन अनुराग जैन ने किया एवं आभार अनिल जी रावत व कमल अग्रवाल ने माना।

विद्यार्थियों ने भी भजन से दी आचार्यश्री को विनयांजलि 

दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने बताया कि सभा में निकिता,  परिधि जैन, माही सेठी, सची जैन परिधि जैन, ओसी जैन, काव्या जैन द्वारा भी अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त की गई साथ ही सभी छात्राओं ने मंगलाचरण सहित भजन से आचार्यश्री को अपनी ओर से विनयाजंलि दी।

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