इंदौर

हरिधाम आश्रम पर पांच दिनों में 300 मातृ शक्तियों ने बनाए 7 लाख पार्थिव शिवलिंग

sunil paliwal-Anil paliwal
हरिधाम आश्रम पर पांच दिनों में 300 मातृ शक्तियों ने बनाए 7 लाख पार्थिव शिवलिंग
हरिधाम आश्रम पर पांच दिनों में 300 मातृ शक्तियों ने बनाए 7 लाख पार्थिव शिवलिंग

पूरे माह में 51 लाख का लक्ष्य – आज पहले सोमवार पर होगा स्फटिक शिवलिंग का मनोहारी श्रृंगार

इंदौर : हवा बंगला कैट रोड स्थित हरिधाम आश्रम पर श्रावण मास के पहले दिन से महंत शुकदेवदास महाराज के पावन सानिध्य में 51 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन का प्रकल्प चल रहा है। यहां अब तक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पांच दिनों में करीब 7 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हो चुका है। प्रतिदिन 300 से अधिक महिलाएं यहां आश्रम स्थित मंदिर संकुल में स्फटिक से निर्मित शिवलिंग की साक्षी में भोले बाबा का अभिषेक कर प्रदेश एवं देश में सुखद वर्षा तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रार्थना करते हुए पार्थिव शिवलिंग के निर्माण में जुटी हुई हैं। प्रतिदिन वेदपाठी बटुकों द्वारा अभिषेक, महामृत्युंजय एवं लक्षार्चन आराधना सहित विभिन्न अनुष्ठान भी जारी हैँ।

आयोजन समिति के मुकेश ब्रजवासी, सुधीर अग्रवाल एवं सुरेश चौपड़ा ने पालीवाल वाणी को बताया कि हरिधाम पर प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक मातृशक्तियों द्वारा मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग के निर्माण का अनुष्ठान चल रहा है। सावन के पहले सोमवार को यहां भगवान भोलेनाथ एवं स्फटिक शिवलिंग का मनोहारी श्रृंगार भी किया जाएगा। यह स्फटिक शिवलिंग आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन श्रीमहंत घनश्यामदास महाराज की प्रेरणा से गुजरात से यहां लाकर प्राण प्रतिष्ठित किया गया है। अश्रम पर दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक शिवजी के अभिषेक एवं दिनभर बनाए गए पार्थिव शिवलिंग का पूजन एवं विसर्जन होगा। समिति के पवन सिंघल, ओमप्रकाश टिबड़ेवाल एवं गोविंद मंगल ने बताया कि महंत शुकदेवदास महाराज के सानिध्य में प्रतिदिन संध्या को एक बड़े पात्र में इन सभी पार्थिव शिवलिंग का पूजन कर इन्हें पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से पौधरोपण के लिए प्रस्तावित स्थानों पर ले जाकर विसर्जित किया जा रहा है।

हरिधाम पर पूरे सावन माह में प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन, स्फटिक शिवलिंग के अभिषेक तथा शिव आराधना के विभिन्न अनुष्ठान जारी हैं। प्रत्येक सोमवार को यहां भगवान भोलेनाथ की आराधना में वेदपाठी बटुकों द्वारा पूजन अर्चन, मनोहारी श्रृंगार एवं अन्य अनुष्ठान होंगे।

सांकेतिक तस्वीर

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