इंदौर

हाई कोर्ट के आदेश : दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा सातवां वेतनमान, मिली बड़ी राहत

Pulkit Purohit-Ayush Paliwal
हाई कोर्ट के आदेश : दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा सातवां वेतनमान, मिली बड़ी राहत
हाई कोर्ट के आदेश : दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा सातवां वेतनमान, मिली बड़ी राहत

इंदौर । नर्मदा वैली डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनवीडीए) के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने सरकार की अपील खारिज करते हुए कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने वेतनमान घोषित किए जाने के दिन से एरियर सहित भुगतान करने को कहा है। कर्मचारियों ने पहले सरकार के समक्ष बात रखी थी, लेकिन उनके तर्क यह कहते हुए खारिज कर दिए थे कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जा सकता। सरकार के विरूद्व कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में रिट पिटिशन दायर की थी। सिंगल बेंच के समक्ष हुई सुनवाई में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया गया। सरकार ने इस फैसले खिलाफ अपील दायर की थी। जस्टिस श्री रोहित आर्य, जस्टिस श्री शैलेंद्र शुक्ला की डिविजन बेंच ने सरकारी अपील की सुनवाई की। डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को यथावत रखा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक बार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में उत्साह है कि कम से कम हाईकोर्ट ने उनकी जायज मांगों को गंभीरता से सुनकर उनके अधिकारों की रक्षा की। इंदौर नगर पालिक निगम इंदौर के अध्यक्ष श्री उमाकांत काले, महेश गौहर, नागेश गौहर, प्रवीण तिवारी, कमल राणा, बाबुलाल सिरसिया, प्रताप कारोसिया, मुन्ना कौशल, नरेन्द्र बागोरा, केदार यादव, दिनेश यादव, राकेश यादव, ललित पुरोहित आदि ने हाईकोर्ट में दिए गए फैसले पर खुशी जताई वहीं उम्मीद की है कि इंदौर नगर पालिक निगम के समस्त विनियमितिकरण कर्मचारी एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को भी शीघ्र मिले इसके लिए लगातार प्रशासक और शासन से मांग करेंगें कि कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल निर्णय ले। 

● सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका है फटकार : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को ऐसे मामलों में फटकार लग चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने छोटे-छोटे मामलों में अपील किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा कि इससे पक्षकार न केवल न्याय से वंचित रह जाता है, बल्कि समय भी खराब हो जाता है। एनवीडीए कर्मचारियों के ही मामले में शीर्ष अदालत ने यह बात कही थी।

● यह मांगें उठाई : दैनिक वेतनभोगी कर्मियों, गैंगमैनों को जिस श्रेणी में कार्यरत है उसी पर बिना शर्त नियमितीकरण कर स्थाई कर्मियों के समान समस्त हितों का लाभ दिया जाए, कि लगातार मांग करने के बाद भी सरकार ने स्थाईकर्मी का आदेश जारी किया किंतु उन्हें उनके लाभों से वंचित रखा हुआ हैं। अनुकंपा नियुक्ति फिर से बहाल की जाए और सातवें वेतनमान का लाभ तत्काल दिया जाए। कुशल श्रेणी में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, गेंगमैन श्रमिकों के लिए 5000- 100 और 8000 को बढ़ाया जाए, ताकि 30 साल की सेवा वाले कर्मियों को वेतनवृद्धि का लाभ मिल सके। विभिन्न विभागों के दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मियों का वेतन दिया जाए। अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा के तहत समयमान वेतनमान के साथ क्रमोन्नति, पदोन्नति का लाभ दिलाए। विभिन्न विभागों में कई सालों से कार्यरत अंशकालीन वाटरमेन, स्वच्छकारों को पूर्णकालिक किए जाए।

● कब मिलेगा नियमित वेतनमान, कर्मचारी कर रहे इस लाभ का इंतजार

●  श्रेणीवार सवा, डेढ़ और पौने दो लाख ग्रेजुएटी दी जाएगी।

●  80, 90 और 100 रुपए दी जाएगी।

●  स्थाई कर्मी कहलाएंगे।

●  पेंशन पहले की तरह।

● चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर प्राथमिकता।

●  125 फीसदी डीए दिया जाएगा।

●  वरिष्ठता का लाभ वेतन में।

पालीवाल वाणी ब्यूरो- Pulkit Purohit-Ayush Paliwal...✍️

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