Friday, 28 November 2025

इंदौर

ऊर्जा साक्षर शहर..! क्या"बना इन्दौर..!, आज 365 दिन पूरे हुए

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ऊर्जा साक्षर शहर..! क्या"बना इन्दौर..!, आज 365 दिन पूरे हुए
ऊर्जा साक्षर शहर..! क्या"बना इन्दौर..!, आज 365 दिन पूरे हुए

इन्दौर को दुनिया की पहली ऊर्जा साक्षर सिटी बनाने के अभियान के दावे को आज 365 दिन पूरे हुए...100 दिन में इन्दौर को दुनिया की पहली ऊर्जा, साक्षर सिटी बनाने का सपना दिखाया था..

इन्दौर मेट्रो,

इन्दौर. एनर्जी स्वराज फाउंडेशन और इन्दौर नगर निगम के बीच महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में आज ही के दिन एमओयू साइन हुआ था, इसको आज एक साल पूरा हो गया है,हालांकि इसका फायदा कितना इन्दौर की जनता और इन्दौर को हुआ इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

इस एमओयू के जरिए 100 दिनों के अंदर इन्दौर को ऊर्जा साक्षर सिटी बनाने की बात फाउंडेशन के प्रो.चेतन सिंह सोलंकी ने कही थी...और कहां था कि 5 लाख लोगों को ऊर्जा साक्षर बनाएंगे ये लक्ष्य है। इसके साथ ही एनर्जी स्वराज यात्रा शहर के अलग अलग हिस्सों में ले जाएगे पर संभवत ऐसा हुआ नहीं और कागजी क्लाइमैक्स कुछ दिनों बाद धरातल से गायब हो गया अब इस मामले में सोशल मीडिया पर जरूर 76,लाख यूनिट बिजली की बचत का दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है।

ये तो बिजली विभाग ही बता सकता है,कि वाकई में इतनी बिजली की बचत हुई है कि नहीं भी हुई है..! उल्लेखनीय है,कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के नाम पर इन्दौर नगर निगम ने एनर्जी स्वराज फाउंडेटशन के साथ एमओयू साइन किया,जिसको 1 साल पूरा हो गया है,

हालांकि 30 नवंबर से क्लाइमेंट मिशन के लांच होने की बात सामने आ रही है। इसको लेकर हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने भी दावा किया था। पर हकीकत क्या है..? ये तो जिम्मेदार अच्छे से जानते है। इस एमओयू के बात क्या वाकई इन्दौर में ये अभियान सफल हुआ ऐसे कई सवाल इन्दौर की जनता जानना चाहती है। इन्दौर मेट्रो जल्द इस मामले को लेकर एक ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए इस पूरे अभियान की हकीकत सबके सामने रखेगा।

बॉलीवुड अदाकार दीया मिर्जा ने भी दिसंबर में इन्दौर पहुंचकर_कसीदे पड़े थे..!

इस अभियान को गति देने के लिए बॉलीवुड अदाकार दीया मिर्जा"को भी इन्दौर बुलाया गया था! दिया ने भी दावा किया था_ कि नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन ऊर्जा संरक्षण के लिए अगले 100 दिन में शहर की बिजली खपत में 10 फीसदी की कमी लाएंगे..? पर कमी आई कि नहीं इसका खुलासा बिजली विभाग ने कभी नहीं किया। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण का ये इन्दौर क्लाइमेट मिशन शुरुआत से ही संदेह के घेरे में रहा है।

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