इंदौर

सुप्रसिद्ध चित्रकार श्री योगेंद्र सेठी की एकल चित्रकला कोलकाता की ऐतिहासिक एकेडमी ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स में 5 नवम्बर से

आलोक बाजपेयी
सुप्रसिद्ध चित्रकार श्री योगेंद्र सेठी की एकल चित्रकला कोलकाता की ऐतिहासिक एकेडमी ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स में 5 नवम्बर से
सुप्रसिद्ध चित्रकार श्री योगेंद्र सेठी की एकल चित्रकला कोलकाता की ऐतिहासिक एकेडमी ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स में 5 नवम्बर से

इंदौर : (आलोक बाजपेयी...✍️) आज़ादी के पूर्व स्थापित देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित कला संस्थानों में अग्रणी कोलकाता के एकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स में शहर के लब्ध प्रतिष्ठित चित्रकार श्री योगेंद्र सेठी का सोलो शो आगामी पाँच से ग्यारह नवम्बर 2022 तक आयोजित होगा. 

उद्घाटन सत्र में पश्चिम बंगाल के मंत्रीगण, कोलकाता के मेयर समेत कला एवं उद्योग जगत की अनेक महत्वपूर्ण हस्तियाँ शामिल होंगी. श्री सेठी की पेंटिंग्स अपनी विशिष्ट ब्रशिंग टेक्निक एवं मॉडर्न आर्ट के माध्यम से आध्यात्मिक सिद्धांतों को प्रस्तुत करने की मुश्क़िल और विलक्षण शैली के लिए अलग पहचान रखती हैं. 

सन 1933  में स्थापित कोलकाता की एकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स देश की सबसे प्रतिष्ठित और पुरानी कला संस्थानों में शामिल है. आज़ादी के बाद कोलकाता के पॉश क्षेत्र कैथेड्रल रोड पर इसके वर्तमान विशाल और खूबसूरत परिसर के लिए स्थान पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने उपलब्ध करवाया था. 

इस ऐतिहासिक आर्ट गैलरी में शो करना कलाकारों के लिए विशेष महत्व रखता है. श्री योगेंद्र सेठी अपने पाँच दिवसीय वन मैन शो में अपनी सुप्रसिद्ध  श्रृंखला 'डायमंड सोल' का चौथा संस्करण प्रस्तुत करेंगे. ज्ञातव्य है कि इम्प्रेशनिस्टिक विधा में अंतराष्ट्रीय ख्याति रखने वाले श्री सेठी के चित्र दुनिया भर की कई प्रतिष्ठित गैलरियों में प्रदर्शित हैं एवं अमेरिका के प्रतिष्ठित नेशनल आर्ट्स क्लब, न्यूयॉर्क ने उन्हें अपनी मानद सदस्यता से नवाज़ा है.

आचार्यश्री के एक सूत्र ने बदल दी चित्रकला की दिशा - बरसों तक पाश्चात्य जगत की रूचि के अनुरूप पेंटिंग्स बनाने के बाद श्री सेठी की कला की दिशा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दिए इस सूत्र से बदली कि बहुमूल्य से बहुमूल्य हीरे की चमक भी सिर्फ उसके परिवेश तक सीमित रहती है, जिस कक्ष में वह हैं सिर्फ वहीं तक. जबकि एक विशुद्ध आत्मा की चमक तो पूरे ब्रम्हांड को प्रकाशित कर सकती है.  

आचार्यश्री की इस बात से उनकी चित्रकला की दिशा पूरी तरह बदल गई. चित्रकला के पुराने विषय चले गए और उनकी जगह प्राचीन सिद्धांतों और शास्त्रों में लिखी सनातन बातों ने ले ली. उनकी कला शैली - इम्प्रेशनिस्टिक विधा में आत्मा का परिशोधन, आत्मज्ञान, आत्म कल्याण, कर्मों के बंधन से मुक्ति के प्रयास जैसे विषयों पर चित्र बनाना बड़ा मुश्क़िल था, लेकिन श्री चंद्रेश सक्सेना को अपना गुरु मानने वाले इंदौर फ़ाईन आर्ट्स कॉलेज के प्रारंभिक वर्षों के विद्यार्थी श्री सेठी ने अपनी विशिष्ट कलादृष्टि से अपने लिए ख़ास सब्जेक्टिव मॉडर्न आर्ट का संसार रचने में सफलता पाई. उनकी इस नई शैली ने भी दुनिया भर के कलाप्रेमियों का खूब दिल जीता और इसे प्राचीन शास्त्रों और आधुनिक काल के एक सेतु माना गया. 

देश की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता में श्री योगेंद्र सेठी की पहली एकल प्रदर्शनी को लेकर कलाप्रेमी उत्साहित हैं. उद्घाटन समारोह में राज्य के कुछ मंत्री, बड़े उद्योगपति एवं कला जगत की हस्तियाँ पधार रही हैं. आध्यात्मिक रंग लिए आधुनिक पेंटिंग्स की इस श्रृंखला ने कला जगत को फिर भारतीयता का सन्देश दिया है, जो ख़ासकर युवा वर्ग के लिए आकर्षण का केंद्र है. श्री सेठी की पाँच दिवसीय एकल प्रदर्शनी के दौरान अनेक कला सत्र भी रखे गए हैं, जिनमें महत्वपूर्ण कलाकार, साहित्यकार एवं कोलकाता के महत्वपूर्ण कला प्रेमी शामिल होंगे. 

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