इंदौर

भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत- नेपाल के प्रधानमंत्री श्री प्रचंड

sunil paliwal-Anil paliwal
भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत- नेपाल के प्रधानमंत्री श्री प्रचंड
भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत- नेपाल के प्रधानमंत्री श्री प्रचंड
  • श्री प्रचंड ने मध्यप्रदेश में हुए विकास कार्यों को अभूतपूर्व बताया
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा श्री प्रचंड के सम्मान में दिया गया रात्रि भोज

इंदौर :

नेपाल के प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल ’प्रचंड’ ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत हुई है। भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए आयाम जुड़े है। यह बात उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज उनके सम्मान में इंदौर में दिये गये रात्रि भोज में कही गई। 

नेपाल के प्रधानमंत्री श्री प्रचंड ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कल की मुलाकात के दौरान कहना कि  हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे और इसी भावना से, हम सभी मुद्दों का, चाहे बाउंड्री का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे यह हमारे लिये खुशी और गर्व का विषय है। श्री प्रचंड ने कहा कि मेरा प्रधानमंत्री के रूप में भारत भ्रमण चौथी बार हो रहा है। इस बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के बीच जो सहमति हुई है, यह दूर तक जाने वाली सहमति है। कनेक्टीविटी, वॉटर रिसोर्स, ऊर्जा के क्षेत्र में जो सहमति बनी है, उसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। मैं नेपाल जाकर नेपाली जनता को बताऊंगा कि भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत हुई है। भारत नेपाल के संबंधों में नए आयाम जुड़े है। इसको मजबूत करना हम सबका कर्तव्य है। श्री प्रचंड ने कहा कि मध्यप्रदेश में जो गर्मजोशी से स्वागत हुआ है वह अविस्मरणीय है। भगवान महांकाल के दर्शन कर मेरा सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जो विकास हुए है वह अभूतपूर्व है। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी।  

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत भाषण देते हुये प्रदेश की 9 करोड़ जनता और राज्य शासन की ओर से प्रधानमंत्री श्री प्रचंड का स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि श्री प्रचंड को हमारे बीच पाकर हम अभिभूत है, उनका स्वागत कर हम गौरवांवित हो रहे है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और परम्पराएं लगभग एक जैसी है। ऐसा लग रहा है कि अपनों के बीच अपने ही आये है। कार्यक्रम का संचालन सांसद श्री शंकर लालवानी ने किया।

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