इंदौर
सरकारी निर्माण में लाल ईंटों के प्रयोग पर प्रतिबंध के मामले में आल इंडिया एसो. तक हुई गूंज
sunil paliwal-Anil paliwal
केवल फ्लायऐश से बनी ईंटें ही वापरने का फरमान-राज्य के ईंट निर्माता संकट में : सरकारी कामों की गुणवत्ता भी प्रभावित
इंदौर :
- मध्यप्रदेश में सरकार ने शासकीय निर्माण कार्यों में ईंट भट्टों पर बनाई जाने वाली लाल ईंटों का प्रयोग प्रतिबंधित कर रखा है। राज्य सरकार के इस फरमान से प्रदेश के हजारों ईट निर्माता तो संकट में आ ही गए हैं, शासकीय निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
शासन ने लाल ईंट के बजाय फ्लायऐश से निर्मित ईंटों का प्रयोग शुरू करने के आदेश दिए हैं। पिछले दिनों गुवाहाटी (असम) में आयोजित ऑल इंडिया ब्रिक्स एंड टाईल्स फेडरेशन नई दिल्ली की कार्यकारिणी की बैठक में म.प्र. ब्रिक्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर देशभर से आए ईंट निर्माताओं के संगठनों का ध्यानाकार्षण किया था, अब आल इंडिया एसो. ने राज्य की शिवराज सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है।
म.प्र. ब्रिक्स एसो. के प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र प्रजापति, रमेश कश्यप एवं पन्नालाल कश्यप ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में शासकीय निर्माण कार्यों में ईंट भट्टों पर पकाई गई लाल ईंट का प्रयोग ही किया जा रहा है, किन्तु म.प्र. सरकार ने फ्लायऐश से निर्मित ईंटों का प्रयोग करने के आदेश देकर सरकारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सही है कि बड़े उद्योगों एवं कारखानों से निकलने वाले फ्लायऐश (राख) का उपयोग करने पर केन्द्र सरकार ने अनेक समितियां भी गठित की और उनकी सिफारिशों पर पहले लाल ईंट के निर्माण में फ्लायऐश का उपयोग करने की सिफारिश की थी और ईंट निर्माताओं ने भी फ्लायऐश का उपयोग करना शुरू कर दिया था,