इंदौर

पालीवाल वाणी समाचार पत्र की ओर से महाशिवरात्रि महोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं

Ayush Paliwal
पालीवाल वाणी समाचार पत्र की ओर से महाशिवरात्रि महोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं
पालीवाल वाणी समाचार पत्र की ओर से महाशिवरात्रि महोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं

इंदौर। प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित जयप्रकाश वैष्णव ने पालीवाल वाणी को बताया कि देवाधिदेव महादेव ही सर्वशक्तिमान हैं इस बार दो दिन पड़ने वाले महाशिवरात्रि का पर्व इस बार स्वार्थ सिद्ध एवं सिद्ध योग पड़ने से खास होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चतुर्दशी तिथि 24 फरवरी की रात्रि साढ़े नौ बजे प्रारंभ होगी। जो 25 फरवरी को रात्रि सवा नौ बजे तक रहेगी। महाशिवरात्रि का पर्व रात्रि व्यापिनी होने पर विशेष माना जाता है। ऐसे में चूंकि 25 फरवरी की रात्रि में चतुर्दशी तिथि न होने से 24 फरवरी को महाशिव रात्रि का पर्व शास्त्र सम्मत रहेगा। महाशिवरात्रि को अर्द्ध रात्रि के समय ब्रह्माजी के अंश से शिवलिंग का प्राकट्य हुआ था। इसलिए रात्रि व्यापिनी चतुर्दशी का अधिक महत्व होता है।

ओम नमः शिवाय का जाप करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति

इस वर्ष सबसे खास बात यह है कि दोनों दिन सिद्ध योग पड़ रहे हैं। 24 फरवरी को स्वार्थ सिद्ध योग तथा 25 फरवरी को सिद्ध योग पड़ रहा है। 24 फरवरी को चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होने के साथ ही भद्रा भी लग जाएगी लेकिन भद्रा पाताल लोक में होने के कारण महाभिषेक में कोई बाधा नहीं होगी बल्कि यह अत्यंत शुभ रहेगा। महाशिवरात्रि का व्रत कर रात्रि में ओम नमः शिवाय का जाप करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होगी।

इससे पूर्व 30 वर्ष पहले महाशिवरात्रि दो दिन मनाई

पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति वर्ष भर कोई व्रत उपवास नहीं रखता है और वह मात्र महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है। इससे पूर्व 30 वर्ष पहले महाशिवरात्रि दो दिन मनाई गई थी। शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। शिव रात्रि पर चार प्रहर की पूजा से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती है।

भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी

भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान शंकर के पृथ्‍वी पर 12 ज्योर्तिलिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योजिर्लिंग प्राणियों को मृत्युलोक के दुरूखों से मुक्ति दिलाने में काफी मददगार है. इन सभी ज्योर्तिलिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है. आइये जानते हैं किस राशि के व्यक्ति को किस ज्योर्तिलिंग पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है.

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