इंदौर
श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 24 श्रेणी इंदौर पर सामूहिक तर्पण आज
Akhilesh joshi, Rohit paliwalपृथ्वी लोक से अपनी मुक्ति की कामना ले पितृ देव आज से अगले 15 दिन तक
पालीवाल वाणी ब्यूरों से अखिलेश जोशी
इंदौर। श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 24 श्रेणी इंदौर अध्यक्ष श्री मुकेश जोशी, सचिव घनश्याम पालीवाल, सहसचिव ललित पुरोहित ने पालीवाल वाणी को बताया कि पृथ्वी लोक से अपनी मुक्ति की कामना ले पितृ देव शुक्रवार से अगले 15 दिन तक पृथ्वी पर विचरण करेंगे। इस अवधि में घर-घर श्राद्ध कर्म और तर्पण किए जाएंगे। मंदिरों और घरों में श्रीमद्भागवत के मूल पाठ भी कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 24 श्रेणी इंदौर के द्वारा सतत् तृतीय वर्ष भी पालीवाल समाज भवन, मां अन्नपूर्णा मंदिर परिसर इमली बाजार में प्रथम पितु श्राद्व (पूर्णिमा) का आज सामूहिक आयोजन किया जा रहा है। जिसमें समस्त पालीवाल बंधु 24 श्रेणी के परिजन भाग लेगें। भारतीय शास्त्रों के अनुसार, पितृगण पितृ पक्ष में पंद्रह दिन के लिए पृथ्वी पर रहने आते हैं, इसके बाद लौट जाते हैं। वैदिक मान्यताओं के अनुसार यदि किसी मनुष्य का विधिपूर्वक तर्पण और श्राद्ध न किया जाए तो आत्मा को इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती। हिंदुओं में देवताओं की प्रसन्नता से पहले पुरखों को प्रसन्न करने का विधान है।
सामूहिक तर्पण आज
श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 24 श्रेणी इंदौर पर सामूहिक तर्पण आज पृथ्वी लोक से अपनी मुक्ति की कामना ले पितृ देव आज से अगले 15 दिन तक पितृ पक्ष के प्रथम दिवस पूर्णिमा को शुक्रवार को सामूहिक पितृ तर्पण कार्यक्रम सुबह 12 बजे से करेगी। इसमें देव तर्पण, ऋषि तर्पण के उपरांत स्व पितृ तर्पण किया जाएगा। तद्पश्चात सामूहिक सहभोज किया जाएगा।
आगामी 29 सितंबर को अमावस्या का श्राद्ध होगा
ज्योतिषी पंडित जयप्रकाश वैष्णव ने पालीवाल वाणी को बताया कि वैसे इस बार श्राद्ध पक्ष में एक दिन कम हो गया है। शुक्रवार को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा, तो आगामी 29 सितंबर को अमावस्या का श्राद्ध होगा। पहले दिन से ही विश्राम घाट समेत लगभग सभी यमुना घाटों पर तर्पण कराने वालों का जमघट लगेगा। इसी के साथ घरों में अपने पितरों की तिथियों के अनुसार श्राद्ध कर्म किया जाएगा। इस दौरान ब्राह्मण भोज कराए जाएंगे। इनके अलावा गो, कौवा, श्वान को भी भोजन सामग्री अर्पित की जाएगी।
श्रीमद् भागवत का मूल पाठ श्रेयस्कर
ज्योतिषी पंडित जयप्रकाश वैष्णव ने पालीवाल वाणी को बताया कि श्राद्ध पक्ष में पितृ शांति के लिए श्रीमद् भागवत का मूल पाठ श्रेयस्कर रहता है। जो लोग इस स्थिति में नहीं हैं, उन्हें नित्य कुश और काले तिल के साथ तर्पण करना चाहिए। पशु-पक्षियों को भोजन के साथ पेयजल की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।पितृ शांति सर्वोपरि ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार श्राद्ध के माध्यम से पितरों की तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है। ¨पड रूप में पितरों को दिया गया भोजन श्राद्ध में अहम होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जन्म कुंडली में यदि पितृ दोष हो, तो अकारण ही कई समस्याएं आती रहती हैं और परिजनों का अभ्युदय नहीं हो पाता। लिहाजा पितृ शांति सर्वोपरि है।
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