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प्लास्टिक सर्जरी के बाद छात्र की हुई मौत : प्लास्टिक सर्जरी में कई बार उल्टे ही नतीजे भी समाने आए

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प्लास्टिक सर्जरी के बाद छात्र की हुई मौत : प्लास्टिक सर्जरी में कई बार उल्टे ही नतीजे भी समाने आए
प्लास्टिक सर्जरी के बाद छात्र की हुई मौत : प्लास्टिक सर्जरी में कई बार उल्टे ही नतीजे भी समाने आए

साउथ कोरिया. (डेस्क) सुंदर लगने चाह में लोग क्या क्या नहीं करते हैं. प्लास्टिक सर्जरी इसका बढ़ता विकल्प बनता जा रहा है. कई बार प्लास्टिक सर्जरी में भी उल्टे ही नतीजे मिलते हैं.  लेकिन एक शख्स के साथ कुछ ज्यादा ही बुरा हो गया. उसकी प्लास्टिक सर्जरी के बाद दुखद मृत्यु हो गई. लेकिन सीसीटीवी से एक भयानक सच सामने आया जिससे पता चला कि वह वास्तव में एक घोस्ट डॉक्टर घोटाले का शिकार हुआ था. पूरा मामला सोशल मीडिया के चर्चित पोडकॉस्ट में विस्तार से बताया गया है.

साउथ कोरिया के इस 24 वर्षीय क्वोन डे-ही ने के-पॉप सितारों की की तरह अपनी ठुड्डी को आकार देने की सर्जिकल प्रक्रिया के लिए करीब 4 लाख रुपयों का भुगतान किया. रॉटेन मैंगो पॉडकास्ट की स्टेफनी सू ने बताया कि क्वोन को ब्रेन-डेड घोषित करने के बाद, अस्पताल के अधिकारियों ने उसके भाई, क्वोन ताए-हून को फोन किया उसकी मौत के बारे में नहीं बताया.

क्वोन की मां ली ना ग्युम की शिकायत के जवाब में प्लास्टिक सर्जन ने ऑपरेशन की सीसीटीवी फुटेज सौंपने की पेशकश की थी. फुटेज से पता चला कि जिस शीर्ष प्लास्टिक सर्जन पर क्वोन ने उसके चेहरे को फिर से तैयार करने का भरोसा किया था, वह प्रक्रिया के लगभग 60 मिनट बाद ही ऑपरेशन थिएटर से चला गया. फिर एक दूसरे डॉक्टर को ऑपरेशन पूरा करने के लिए छोड़ दिया गया था, जिसके पास प्लास्टिक सर्जरी का लाइसेंस नहीं था

स्टेफनी ने बताया कि घोस्ट डॉक्टर आमतौर पर प्लास्टिक सर्जरी में कार्यरत होते हैं. जब मरीज को ऑपरेशन टेबल पर रखा जाता है तो वे प्रक्रिया शुरू कर चले जाते हैं और एक घोस्ट डॉक्टर अंदर आकर ज्यादातर काम कर देता है. प्रमुख सर्जन बहुत ही कम समय तक मरीज के पास रहते हैं. जब यह सब हो जाता है तो घोस्ट डॉक्टर उस भूत की तरह खत्म हो जाते हैं, जो कभी अस्तित्व में ही नहीं था. उनका कोई भी रिकॉर्ड में नहीं रखा जाता.

किसी ने क्वोन की बिगड़ी हालत और बहते हुए खून पर ध्यान नहीं दिया. जब की सहायक डॉक्टरों से लेकर नर्सों सभी की लापरवही सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रही थी.  2019 में, क्वोन के परिवार को क्लिनिक के खिलाफ हर्जाने में 2 करोड़ 80 लाख रुपयों से अधिक की रकम दी गई. मामले में सर्जन को बाद में अनैच्छिक हत्या के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.

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