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मालदीव ने दिया भारत को एक और झटका!, सैनिकों को हटाने के लिए कहने के बाद अब तोड़ा यह खास समझौता

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मालदीव ने दिया भारत को एक और झटका!, सैनिकों को हटाने के लिए कहने के बाद अब तोड़ा यह खास समझौता
मालदीव ने दिया भारत को एक और झटका!, सैनिकों को हटाने के लिए कहने के बाद अब तोड़ा यह खास समझौता

भारत को मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहने के लगभग एक महीने बाद, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने हाइड्रोग्राफिक सर्वे पर भारत के साथ पिछली सरकार के समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।

यह समझौता 8 जून, 2019 को साइन किया गया था, जब प्रधानमंत्रीने तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के निमंत्रण पर मालदीव का दौरा किया था। समझौते के मुताबिक, भारत को मालदीव के क्षेत्रीय जल, अध्ययन और चार्ट रीफ, लैगून, समुद्र तट, महासागर धाराएं और ज्वार के स्तर का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी।

खत्म किया जा रहा भारत-मालदीव के बीच समझौता

यह पहला द्विपक्षीय समझौता है जिसे नवनिर्वाचित मालदीव सरकार नवंबर में कार्यभार संभालने के बाद आधिकारिक तौर पर समाप्त कर रही है। नई सरकार बनने के बाद यह पहला द्विपक्षीय समझौता है जिसे आधिकारिक तौर पर समाप्त किया जा रहा है। गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति के अवर सचिव मोहम्मद फिरुज़ुल अब्दुल खलील ने कहा कि मुइज्जू सरकार ने 7 जून 2024 को समाप्त होने वाले हाइड्रोग्राफी समझौते को रिन्यूअल नहीं करने का फैसला किया है।

मुइज्जू के नेतृत्व वाली नई सरकार ने पिछले महीने ही सत्ता संभाली है। मोइज्जू ने पहले कहा था कि वह उन कुछ समझौतों की समीक्षा करेगी, जिन पर पिछली सरकार ने के साथ हस्ताक्षर किए थे। गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति के अवर सचिव मोहम्मद फ़िरुज़ुल अब्दुल खलील ने कहा कि मुइज्जू सरकार ने 7 जून 2024 को खत्म होने वाले हाइड्रोग्राफिक समझौते को रीन्यू नहीं करने का फैसला किया है।

समझौता खत्म करने से 6 महीने पहले दूसरे पक्ष को देनी होती है जानकारी

इस समझौते की शर्तों के अनुसार, अगर एक पक्ष समझौते को खत्म करना चाहता है, तो समझौता खत्म होने से छह महीने पहले दूसरे पक्ष को इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए। शर्तों के अनुसार, ऐसा न होने पर समझौता ऑटोमैटिकली 5 सालों वर्षों के लिए रीन्यू हो जाता है। फिरुज़ुल ने कहा कि भारत को सूचित किया गया है कि मालदीव समझौते को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है।

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