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Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम प्राण प्रतिष्‍ठा पर पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, जमकर उगला जहर, भारत ने दिया करारा जवाब

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Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम प्राण प्रतिष्‍ठा पर पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, जमकर उगला जहर, भारत ने दिया करारा जवाब
Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम प्राण प्रतिष्‍ठा पर पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, जमकर उगला जहर, भारत ने दिया करारा जवाब

पाकिस्तान का अयोध्या के राम मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इसके बावजूद इस्लामाबाद ने सोमवार को मंदिर निर्माण की निंदा की. इसके बाद नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के शीर्ष सरकारी सूत्रों ने मीडिया से बातचीत के दौरान पड़ोसी देश को करारा जवाब दिया. सूत्रों ने कहा कि जब भारत में पूरा देश जश्न में एक साथ आया है, पड़ोसी देश भारतीय मुसलमानों को भड़काने की कोशिश में लगा है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली के संदर्भ में कहा, “हम उनकी तरह एक साधारण गणराज्य नहीं हैं, जहां न्यायपालिका तय है और पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के निर्देशों पर काम करती है.

एमईए के अधिकारियों ने मंदिर के निर्माण से पहले चली लंबी अदालती कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई की थी. वास्तव में, यह भारतीय सुप्रीम कोर्ट था जिसने नवंबर 2019 में अयोध्या में पूरी विवादित भूमि राम लला को दे दी थी और केंद्र को मस्जिद के लिए मुसलमानों को पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया था.

भारतीय मुसलमानों को उकसा रहा पाकिस्‍तान

एमईए अधिकारियों ने कहा, ‘यह मामला कई दशकों की न्यायिक जांच से गुजरा है. यह सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों से गुजर चुका है. कोई भी बड़ा फैसला एकल पीठ द्वारा नहीं किया गया था और फैसले में अल्पसंख्यक न्यायाधीश भी शामिल थे.’ अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान उत्तर प्रदेश के शहर अयोध्या में समारोहों में भाग लेने वाले भारतीय मुसलमानों को उकसाकर परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहा है.

पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय ने क्‍या कहा था?

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘एक ध्वस्त मस्जिद के स्थान पर बनाया गया मंदिर आने वाले समय में भारत के लोकतंत्र के चेहरे पर एक कलंक बना रहेगा. भारत में ‘हिंदुत्व’ विचारधारा का बढ़ता ज्वार क्षेत्रीय शांति के लिए एक गंभीर खतरा है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरत भरे भाषण और घृणा अपराधों का संज्ञान लेना चाहिए.’

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