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दुनिया की सबसे महंगी दवा को मंजूरी : एक डोज़ की क़ीमत 28 करोड़ 58 लाख रुपए

Paliwalwani
दुनिया की सबसे महंगी दवा को मंजूरी : एक डोज़ की क़ीमत 28 करोड़ 58 लाख रुपए
दुनिया की सबसे महंगी दवा को मंजूरी : एक डोज़ की क़ीमत 28 करोड़ 58 लाख रुपए

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दुनिया की सबसे महंगी दवा को मंजूरी दी है. ये दवा हीमोफीलिया के इलाज में काम आती है और इसके एक डोज़ की क़ीमत 35 लाख डॉलर यानी करीब 28.64 करोड़ रुपये है. इस दवा का नाम Hemgenix है और इसे फार्मा कंपनी सीएसएस बेरिंग ने बनाया है. हीमोफीलिया एक तरह का ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर है. फिलहाल 15% लोग दुनिया मे हीमोफीलिया की ज़द में हैं. भारत की बात करें तो यहां तक़रीबन 1 लाख 40 हजार लोग हीमोफीलिया से मुतास्सिर हैं.

  • क्या है हीमोफीलिया बीमारी?

हीमोफीलिया एक जेनेटिक (आनुवंशिक) बीमारी है. ये कई क़िस्म की होती है, लेकिन हीमोफीलिया बी काफी रेयर (दुर्लभ) है. इसमें मरीज़ के खून में एक प्रोटीन की कमी हो जाती है, जो खून को जमाता है. इस प्रोटीन को 'क्लॉटिंग फैक्टर' भी कहा जाता है. फैक्टर आठ की कमी को हीमोफीलिया-ए और फैक्टर नौ की कमी को हीमोफीलिया-बी कहा जाता है. इस बीमारी से मुतास्सिर लोगों को अगर छोटी सी भी चोट लग जाए, तो उनके ज़ख्म पर खून के थक्के नहीं जम पाते और खून लगातार बहता जाता है. ज्यादा खून बहने से मरीज़ की जान भी जा सकती है. यानी हीमोफीलिया होने पर ज्यादा खून बहने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

  • किन मरीज़ों के लिए बनाई गई है Hemgenix?

FDA की मानें तो Hemgenix दवा हीमोफीलिया बी के मरीज़ों के लिए काफी कारगर साबित होगी. यS भले ही महंगी है, लेकिन इसकी एक खुराक की लागत ताउम्र चलने वाले इलाज से कम है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, अमेरिका में एक मरीज़ हीमोफीलिया के इलाज पर 21 से 23 मिलियन डॉलर यानी तक़रीबन 171 से 181 करोड़ रुपए खर्च करता है. हालांकि, ब्रिटेन जैसे देशों में यह ख़र्च कम है. फिलहाल FDA ने ये जानकारी नहीं दी है कि दवा के कितने डोज़ इस बीमारी से बचाने में कामयाब होंगे़ हालांकि जानकारी के मुताबिक, इस दवा के एक डोज़ को लेने से कई साल तक ब्लीडिंग कम होगी और खून के थक्के जमने लगेंगे.

  • अभी हीमोफीलिया का क्या इलाज है?

हीमोफीलिया बिमारी के इलाज के  मौजूदा तरीक़े की बात करें तो अभी हीमोफीलिया के मरीज़ों को अपने खून में क्लॉटिंग फैक्टर रिप्लेस कराना पड़ता है. आमतौर पर हर जगह यही ट्रीटमेंट मौजूद है. इस प्रोसेस में मरीज़ की नसों में क्लॉटिंग फैक्टर को इंजेक्ट किया जाता है. यहां ये जानना ज़रुरी है कि ये इलाज ताउम्र चलता है. इसके अलावा, ज्यादा ब्लीडिंग से बचने के लिए या उसे रोकने के लिए भी डॉक्टर्स की सलाह लेकर देखभाल की जाती है. लेकिन अब नई दवा Hemgenix हीमोफीलिया के मरीजों में कई साल तक ब्लीडिंग कम करेगी और खून के थक्के जमाने में मदद करेगी।

  • हीमोफीलिया से मुतास्सिर लोग

FDA के मुताबिक, दुनिया में हर 40 हज़ार में से एक शख़्स, यानी 15% लोग हीमोफीलिया से मुतास्सिर हैं. महिलाओं की बनिस्बत मर्दों में ये बिमारी ज्यादा कॉमन है. भारत में तक़रीबन 1 लाख 40 हज़ार लोग हीमोफीलिया से मुतास्सिर हैं. पुरुषों में हर 10 हज़ार में से एक को ये बीमारी होती है. ज्यादातर लोग हीमोफीलिया ए के शिकार होते हैं, क्योंकि यही इस बिमारी की सबसे कॉमन क़िस्म है. कुल मिलाकर मुल्क़ की तकरीबन 13 फ़ीसद आबादी हीमोफीलिया के अलग-अलग क़िस्मों से जूझ रही है.

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