स्वास्थ्य

बवासीर को खत्म करने के लिए क्या है घरेलु उपचार?

Paliwalwani
बवासीर को खत्म करने के लिए क्या है घरेलु उपचार?
बवासीर को खत्म करने के लिए क्या है घरेलु उपचार?

पाइल्स या बवासीर क्या है ?

शरीर से मल गुदा-नाल से होकर बहार जाता है। गुदा-नाल के चारो तरफ एक अवरोधिनी पेशी (स्फिंक्टर पेशी) होती है, जो मल को निकलने और मल के बहार निकल जाने के बाद, मल छिद्र को खोलता व बंद करता है, तथा इस पेशी और मल-नाल के बिच रक्त धमनिया होती है जो इन पेशियों में रक्त पहुँचाती है। जब इन रक्त धमनियों (ब्लड वेसल्स) में दबाव के कारण फैलाव आता है तो यह मल-नाल (जो की एक पाइप की तरह होता है) में मल मार्ग में अवरुद्ध बन जाती है तथा मल जाने के रास्ते में जरुरत के हिसाब से जगह नहीं बचती, जिस से मल को बहार निकलने में रुकावट का सामना करना पड़ता है। पाइल्स या बवासीर आमतौर पर गोल छल्लेदार गाठ की तरह होती है, जो मल छिद्र को बंद या ढक देती है।  बवासीर से पीड़ित व्यक्ति उसकी गाठ को मल-नाल में या उसके बहार लटकती हुई महसूस कर सकता है। 

दोस्तों फेसबुक और वाटसएप पर जितने भी ग्रूप रोग और उपचार से संबंधित चल रहे हैं, उन में आप लोगों ने अधिकतर देखा होगा कि एक सवाल जो बार बार किया जाता है वो बवासीर से संबंधित है। आज की पोस्ट इसी विषय पर है। आज जो नुस्खा मैं लिखने लगा हूँ यह खरीदना और बनाना बहुत ही आसान है। इस लिए आप से विनम्र निवेदन है कि अगर यह पोस्ट आप फेसबुक या वाटसएप पर पढ़ रहे हैं तो आगे ज़रुर शेयर करें।

सामग्री...

        हल्दी                100 ग्राम

खाली कैप्सूल     180

हल्दी : बाजार से साफ सुथरी अच्छी साबुत हल्दी लेलें। घर पर मसाला पीसने वाली मिक्सर ग्राइंडर से बारीक पाउडर बना लें किसी कपड़े में छान लें।  पिसी हुई हल्दी नही लेनी उस में मिलावट का खतरा रहता है।

कैप्सूल : फुल साइज़ कैप्सूल लेलें। हल्दी पाउडर कैप्सूल में भरलें। और किसी बंद डब्बे में संभाल कर रख लें। 

सेवन विधि...

पहले 10 दिन...

2 कैप्सूल सुबह नाश्ते के बाद.. 2 कैप्सूल दोपहर खाना खाने के बाद

2 कैप्सूल शाम खाना खाने के बाद...पानी के साथ...

अगले 20 दिन...

2 कैप्सूल सुबह नाश्ते के बाद

2 शाम खाना खाने के बाद

पानी के साथ..

अब अगर जरूरत हो तो 10 दिन और खा सकते हैं।

फायदे : बवासीर (साध्य या याप्य बवासीर)किसी भी प्रकार की हो पहले 10 दिन में ही कम होनी शुरू हो जाती है। 20 से 25 दिन में  बहुत लाभ होता है।पेट में या आंतो में कोई जख्म हो वो भी आराम आ जाता है।

बवासीर के ऐसे रोगी जो बहुत से इलाज और कई प्रकार की दवाएं खाने के बाद भी इस रोग से छुटकारा नहीं मिल पाया है तो आप एक बार यह दवा बना कर जरूर इस्तेमाल करें। इस सस्ती सी दवा से हज़ारों मरीज फायदा उठा चुके हैं।

परहेज : खाने वाली गर्म चीजों से बचना है। लाल मिर्च से बचना खट्टी चीजों से बचना है। होटल के खाने और रैस्टोरैंट की तली भुनी चीजों से बचना है। फास्टफूड से  टमाटर  से दही से बहुत ज्यादा बचना है। इस दवा से संबंधित कोई भी सवाल जवाब आप काल या वाटसऐप पर कर सकते हैं। 

किन कारणों से बवासीर की समस्या होती है?

रक्त धमनियों में दबाव के कारण धमनिया सूज जाती है जिस कारण बवासीर का रोग होता है।  धमनियों में दबाव पड़ने के कई कारण है जैसे कब्ज, कब्ज में व्यक्ति आंतो में मल बहार निकालने के लिए जोर लगाता है, इसका बुरा असर धमनियों में पड़ता है, ऐसे ही कई परेशानिया है जैसे लम्बे समय से डायरिया का होना, गर्भाशय, मल त्यागते समय जोर लगाना, उलटी, खासी, भारी सामान उठाना आदि चीजों का सीधा असर  गुदा-नाल की रक्त धमनियों में पड़ता है और बवासीर को बनाता है। 

बवासीर को खत्म करने के लिए क्या है घरेलु उपचार?

  • खली पेट आधे कटे निम्बू के रस को निचोड़कर सामान्य ताप वाले दूध में मिलाकर फटने से पहले उसको पीना चाहिए। इसमें निम्बू अच्छे पाचन में मदद करता है, तथा दूध मल व मल-नाल को नरम करता है ताकि मल का निकास आसानी से हो सके। 
  •  सुबह व शाम खाना खाने के बाद एक गिलास छाछ में एक-चौथाई चमच अजवाइन पॉवडर और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पिए। अजवाइन आपके शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बड़ा देती है, जिससे पाचन क्रिया अच्छी हो जाती है, छाछ से आते नरम हो जाती है जिससे उनमे मल का ठैराव नहीं होता।
  •  रोज सुबह एक महीने तक पांच अंजीरों को खली पेट खाये।
  • इमली के फूल के रस को निकालकर उसके रस को बवासीर की गाठ पर दिन में दो बार लगाए, यह गाठ को सुखाने में मदद करता है, तथा दर्द, खुजली, और जलन को कम करता है।
  •  आम की गुठली के अंदर का बीज लेकर उसका पाउडर बनाये व आधा चमच पाउडर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सुबह, दोपहर, व शाम पिए। यह आयुर्वेदिक नुस्खा खुनी बवासीर को सुखाने में साहयता करता है। 
  •  बवासीर होने का मुख्य कारण कब्ज है, अनार के छिलको को अच्छे से सुखाकर उसका पाउडर बनाये और गुनगुने पानी में आधा चमच घोलकर सुबह, दोपहर, शाम उसको पिए। यह बवासीर की जड़ यानि कब्ज को ख़त्म करता है।
  •  मशालेदार, तला-भुना ना खाये, जंक फ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, इत्यादि का सेवन न करे, यह मल को सख्त व मोटा बनाते है जिससे मल-नाल की धमनियों में काफी दबाव पड़ता है।
  •  हर दिन कम से कम तीन से चार लीटर पानी जरूर पिए, पानी को प्रचुर मात्रा में पीना आपकी आंतो को जरुरी नमी देता है, जो मल को आसानी से बहार निकलने में मदद करती है।
  •  हरी सब्जी और मौशमी फल जरूर खाये, यह आपके पाचन को आसान करता है व नरम मल बनाता है, जिससे आपकी धमनियों में कोई दबाव नहीं पड़ता।
  •  व्यायाम, योग, और सुबह-सुबह टहलना भी बवासीर को कम करता है। 

सूचना : किसी भी उपचार से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लीजिए.

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