दिल्ली

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट : Worship Act के खिलाफ

Paliwalwani
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट : Worship Act के खिलाफ
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट : Worship Act के खिलाफ

नई दिल्ली : प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका मथुरा के धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर ने दायर की है.इसके पहले 26 मई 2022 को वकील रुद्र विक्रम सिंह भी याचिका दाखिल कर चुके हैं. याचिका में कहा गया है कि 15 अगस्त, 1947 की मनमानी कटऑफ तारीख तय कर अवैध निर्माण को वैधता दी गई. याचिका में कहा गया है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की धारा 2, 3 और 4 असंवैधानिक है. ये धाराएं संविधान की धारा 14, 15, 21, 25, 26 और 29 का उल्लंघन करती हैं. ये धाराएं धर्मनिरपेक्षता पर चोट पहुंचाती हैं जो संविधान के प्रस्तावना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

25 मई 2022 को वाराणसी के स्वामी जितेंद्रानंद ने याचिका दायर कर इस एक्ट को चुनौती दी है. स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा है कि सरकार को किसी समुदाय से लगाव या द्वेष नहीं रखना चाहिए. लेकिन उसने हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख को अपना हक मांगने से रोकने का कानून बनाया है.

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती देने वाली एक याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी याचिका दायर की है. 12 मार्च, 2021 को उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी हुआ था. याचिका में कहा गया है कि 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट धार्मिक स्थलों की स्थिति 15 अगस्त, 1947 वाली बनाए रखने को कहता है. यह हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय को अपने पवित्र स्थलों पर पूजा करने से रोकता है. इस एक्ट में अयोध्या को छोड़कर देश मे बाकी धार्मिक स्थलों का स्वरूप वैसा ही बनाए रखने का प्रावधान है, जैसा 15 अगस्त, 1947 को था.

हिंदू पुजारियों के संगठन विश्व भद्र पुजारी महासंघ ने भी इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. विश्व भद्र पुजारी महासंघ की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. विश्व भद्र पुजारी महासंघ की याचिका का विरोध करते हुए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. एक याचिका सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दायर किया है.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News