दिल्ली

Corona Update : 15 दिसंबर से नहीं शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, सरकार ने टाला फैसला

Paliwalwani
Corona Update : 15 दिसंबर से नहीं शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, सरकार ने टाला फैसला
Corona Update : 15 दिसंबर से नहीं शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, सरकार ने टाला फैसला

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने 15 दिसंबर से सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने के अपने फैसले को टाल दिया है. डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने बुधवार को यह जानकारी दी. डीजीसीए ने एक आदेश जारी कर कहा कि वह वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री एयरलाइन सेवाओं को फिर से शुरू करने की तारीख के अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करेगा. डीजीसीए ने कहा है कि यह फैसला उसने कोरोना वायरस के उभरते नए वेरिएंट के चलते लिया है. हालांकि फ्लाइट्स का सामान्य संचालन कब से शुरू होगा डीजीसीए की ओर से फिलहाल इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

ओमिक्रॉन वेरिएंट के खौफ के चलते फैसले को टाल दिया है

बता दें नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 26 नवंबर को आदेश जारी कर कहा था कि भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 दिसंबर से सामान्य रूप से संचालित होंगी. लेकिन दुनिया भर में लगातार बढ़ रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के खौफ के चलते भारत सरकार ने अपने फैसले को टाल दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत आ रहे लोगों के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं जो कि 1 दिसंबर की मध्यरात्रि से लागू हो गए हैं.

भारत सरकार ने जारी किए हैं नए दिशा निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, जोखिम श्रेणी वाले देशों से आने वाले या उन देशों से होकर भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है. साथ ही तब तक यात्री को हवाई अड्डा छोड़ने या कनेक्टिंग उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक नमूने की जांच के नतीजे प्राप्त नहीं हो जाते.

मंत्रालय ने कहा कि ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले लोगों को हवाई अड्डे से जाने की अनुमति रहेगी, हालांकि ऐसे यात्रियों को भी 14 दिन तक स्वयं अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी.

मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से पांच फीसदी की जांच की जाएगी और संबंधित विमानन कंपनी को प्रत्येक उड़ान से आने वाले उन पांच फीसदी लोगों की पहचान करनी होगी, जिनका परीक्षण किया जाना चाहिए. हालांकि, इनके नमूने की जांच का खर्च मंत्रालय वहन करेगा.

 

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