अपराध

साइबर अपराधों से निपटने के लिए, 13 जिलों में शुरू हुई फॉरेंसिक लैब

Paliwalwani
साइबर अपराधों से निपटने के लिए, 13 जिलों में शुरू हुई फॉरेंसिक लैब
साइबर अपराधों से निपटने के लिए, 13 जिलों में शुरू हुई फॉरेंसिक लैब

भोपाल। साइबर अपराध की जांच और अपराधियों की धरपकड़ के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से सबूत हासिल करने राज्य साइबर सेल की लैब में एक्सपर्ट्स तैनात हैं। यह एक्सपर्ट्स हर साल एडवांस्ड सॉफ्टवेयर्स की मदद से औसतन 900 से ज्यादा गैजेट्स, मोबाइल, कम्प्यूटर आदि से डाटा की रिकवरी करते हैं।

अब 13 जिलों ग्वालियर, छिंदवाड़ा, रतलाम, उज्जैन, खरगोन, जबलपुर, बालाघाट, सागर, शहडोल, मुरैना, होशंगाबाद, रीवा और इंदौर में फॉरेंसिक लैब शुरू की गई हैं। यहां एसआइ स्तर के अधिकारी लैब का जिम्मा संभालेंगे । इन लैब के शुरू होने से जिला स्तर पर ही डाटा हासिल करना आसान होगा। इसमें परेशानी आती है तो मोबाइल या अन्य गैजेट्स को राज्य साइबर सेल भेजा जाएगा।

यहां बता दें, राज्य की फॉरेंसिक लैब एकमात्र नोटिफाइड लैब है। राज्य साइबर सेल एडीजी योगेश देशमुख बताते हैं कि साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए अपराध में उपयोग लाए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच अहम है। इसके चलते जांच अधिकारियों समेत अन्य पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। लैब में कार्यरत एक्सपर्ट्स को एडवांस्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है।

केरल में ली ट्रेनिंग

साइबर फॉरेसिंक लैब में एएसपी, डीएसपी समेत एसआइ स्तर के 27 अधिकारी बतौर एक्सपर्ट कार्यरत हैं। हाल ही में 13 अधिकारियों की केरल के तिरुअनंतपुर स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग में 15 दिन की ट्रेनिंग ली है। यहां आधुनिकतम तकनीक से रूबरू कराया जाता है।

चुनौती भी कम नहीं

क्रेडिट, डेबिट कार्ड की जानकारी आदि डार्क नेट पर मुहैया होने के मामले सामने आने के बाद साइबर क्राइम की जांच और कठिन हुई है। डार्क नेट पर आइपी एड्रेस सर्च कर जानकारी निकालने में समय लगता है। साइबर अपराधी लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इधर कई बार खराब हो चुके गैजेट्स से डाटा रिकवर करने में कई दिन लग जाते हैं।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News