भोपाल
नई-नवेली कुर्सी ख़तरों से घिरी : उपचुनाव की हार से कमजोर हुए मोहन यादव : कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की हार से बीजेपी खेमें में सन्नाटा
paliwalwaniभोपाल.
मध्यप्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की हार से बीजेपी खेमें में सन्नाटा पसर गया है। अमूमन उपचुनाव के परिणाम सत्तारूढ़ दल के पक्ष में ही जाते हैं, लेकिन विजयपुर सीट पर बीजेपी की हार ने बता दिया है कि मोहन यादव की कुर्सी के जोड़ अभी से बहुत कमजोर हो चुके हैं।
मोहन यादव ने विजयपुर सीट पर विजय प्राप्त करने के लिये जहां 10 से अधिक सभाएँ की, वहीं खुले हाथ से रूपया भी बहाया, लेकिन कांग्रेस की रणनीति के आगे मोहन यादव बौने नज़र आए। मोहन यादव भरी पूरी सरकार के साथ हार गये, और कांग्रेस कुशल रणनीति और मेहनती कार्यकर्ताओं की बदौलत जीत गई।
मोहन यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान बार बार यह कहा कि इस सीट को जिताने की ज़िम्मेदारी मेरी है, मतलब अब साफ़ है कि इस सीट पर हार की ज़िम्मेदारी भी उन्हें अकेले ही लेनी होगी। मुख्यमंत्री अपने पूरे प्रशासनिक तंत्र के साथ चुनाव मैदान में उतर जाये, और फिर विपक्ष से पटखनी खा जाये, तो मतलब साफ़ है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ग़लत आदमी विराजमान है।
विजयपुर की हार केवल एक सीट की हार नहीं है, बल्कि यह मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को भी हवा देने की शुरूआत होगी। मध्यप्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री इस समय मुख्यमंत्री की कुर्सी के बेहद क़रीब डेरा डाले हुये हैं, ऐसे में मोहन यादव का इस तरह कमजोर होना उनकी पारी के अंत की शुरुआत हो सकती है।