Saturday, 28 June 2025

भोपाल

राजीव को दी थी इंदिरा गांधी ने नसीहत, सिंधिया को अपनी कैबिनेट में मंत्री मत बनाना

Admin
राजीव को दी थी इंदिरा गांधी ने नसीहत, सिंधिया को अपनी कैबिनेट में मंत्री मत बनाना
राजीव को दी थी इंदिरा गांधी ने नसीहत, सिंधिया को अपनी कैबिनेट में मंत्री मत बनाना

भोपाल | Tales of Scindia Family : ज्योतिरादित्य सिंधिया के नरेंद्र मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद से लोग उनके पिता माधवराव सिंधिया को याद कर रहे हैं। माधवराव भी वर्ष 1991 में पीवी नरसिम्हा राव कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बने थे। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former PM Rajiv Gandhi) ने भी माधवराव सिंधिया को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी थी। लेकिन एक बात शायद कम ही लोगों को पता हो कि राजीव की मां इंदिरा गांधी ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा था।

पत्रकार राशिद किदवई ने अपनी किताब में इस वाकये के बारे में बताया है। किदवई ने दिवंगत कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे माखनलाल फोतेदार के हवाले से यह खुलासा किया है। इसके अनुसार 31 अक्टूबर, 1984 को अपनी हत्या से कुछ दिन पहले इंदिरा ने एक दिन अचानक बेटे राजीव गांधी और अरुण नेहरू को बुलाया। राजीव उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव थे और अरुण नेहरू ताकतवर नेता।

इंदिरा (Indira’s advise to Rajiv Gandhi) ने बातचीत के दौरान राजीव से कहा कि तुम दो काम बिलकुल मत करना। पहला अमिताभ बच्चन (

Amitabh Bachchan) को कभी चुनावी राजनीति में मत लाना। दूसरा यदि तुम कभी प्रधानमंत्री बनो तो माधवराव सिंधिया को अपनी कैबिनेट में मंत्री मत बनाना। फोतेदार ने अपनी आत्मकथा में इस वाकये का जिक्र किया है, लेकिन उन्होंने इसके पक्ष में कोई सबूत नहीं दिए हैं।

फोतेदार ने कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी से प्रभावित होकर यह बात लिखी या ऐसा वास्तव में हुआ था, इस बारे में दावे से कुछ नहीं कहा जा सकता। इतना जरूर है कि राजीव गांधी ने दोनों में से कोई सलाह नहीं मानी। इंदिरा की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन न केवल चुनावी दंगल में कूदे, बल्कि हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को पटखनी भी दी।

चुनाव के बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने माधवराव सिंधिया को मंत्री बनाकर रेल मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। यहीं से माधवराव की पूरे देश में लोकप्रियता बढ़ने लगी। उन्होंने शताब्दी एक्सप्रेस जैसी तेज रफ्तार ट्रेनें और कंप्यूटराइज्ड टिकट प्रणाली की शुरुआत कर मध्य वर्ग को अपना मुरीद बना लिया।

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