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घर की सीढ़ियां : लगभग वो सभी कुछ्, जो आप जानना चाहते हैं...

paliwalwani
घर की सीढ़ियां : लगभग वो सभी कुछ्, जो आप जानना चाहते हैं...
घर की सीढ़ियां : लगभग वो सभी कुछ्, जो आप जानना चाहते हैं...

1. सीढियां सदैव पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनानी चाहिए, उत्तर-पूर्व में कभी भी न बनाएं अन्यथा मकान मालिक का आर्थिक नुकसान होगा। पश्चिम या दक्षिण के अलावा कहीं भी बनाएंगे तो नुकसान होगा।

2. बाहरी सीढियां दक्षिण-पूर्व में पूर्व को देखते हुए या दक्षिण- पश्चिम में पश्चिम को देखते हुए या उत्तर-पश्चिम में उत्तर को देखते हुए या दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण को देखते हुए बनानी चाहिए।

3. सीढ़ियों का प्रारम्भ सदैव उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम को करिये। यद्यपि जगह की कमी है, तो घुमाव दूसरी ओर किया जा सकता है।

4. सीढ़ियों की संख्या सदैव विषम होनी चाहिए परन्तु उनका अंत ज़ीरो से नहीं होना चाहिए। खड़ी सीढियां भी विषम में ही होनी चाहिए और यदि उसको 3 से भाग दें तो उसका शेष 2 होना चाहिए।

5. घुमावदार सीढियां न् बनाएं अन्यथा स्वास्थ्य प्रभावित होगा।

6. घर को चारों ओर से घेरते हुए सीढियां न् बनाएं, अन्यथा भयंकर दुर्घटना हो सकती है।

7. बेसमेंट के दक्षिण-पश्चिम में बनाये गए कमरे में सीढ़ी न् दें, अन्यथा उस कमरे में रहने वालों के उच्च रक्त दाब और अनीमिया आदि की समस्या हो सकती है।

8. सीढ़ियों के प्रारम्भ व अंत मे दरवाजा दें तो उचित होगा।

9. विशेष रूप से सीढियां उत्तर या पूर्व की दीवार को नहीं स्पर्श करनी चाहिए।

10. सीढियां इस प्रकार बनाएं कि आम आदमी को नहीं दिखनी चाहिए।

11. टूटी सीढियां तत्काल रिपेयर करायें अन्यथा टेंशन या दुर्घटना हो सकती है।

12. सीढ़ी के नीचे बाथरूम, किचेन या पूजा कक्ष कतई न् बनाएं यद्यपि स्टोर बनाया जा सकता है।

13. यदि सीधी सीढ़ी बनानी ही है तो उत्तर से दक्छिण या पूर्व से पश्चिम बनाएं। बाद में दिशा बदल सकते हैं। ये नियम बाहरी और आंतरिक दोनो सीढ़ियों के लिए लागू होगा।

14. सीढ़ियों में सदैव हल्के रंग से पुताई करायें। काला या लाल बिल्कुल न् लगाएं।

ऊँकार लब्धि साधना केंद्र जैन ज्योतिष वास्तु 

तेजस शाह

● Disclaimer : इस लेख में दी गई ज्योतिष जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. पालीवाल वाणी इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें तथा चिकित्सा अथवा अन्य नीजि संबंधित जानकारी के लिए अपने नीजि डॉक्टरों से परार्मश जरूर लीजिए. पालीवाल वाणी तथा पालीवाल वाणी मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है.

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