आमेट
दान करना कितना अनिवार्य है : संत रामपाल ज़ी महाराज
M. Ajnabeeआमेट : आमेट तहसील कि ग्राम पंचायत झोर में बंदी छोड़ भक्तिमुक्ति ट्रस्ट द्वारा जगतगुरु तत्वदर्शी संतरामपाल ज़ी महाराज का एक दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन प्रोजेक्टर द्वारा आयोजित किया गया। जिसमे संत रामपाल ज़ी महाराज ने अपने मुख़ारविन्द से सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथो के अनुसार सदभक्ति करने का सन्देश दिया। और बताया की दान करना कितना अनिवार्य है। दान की महिमा के लिए कबीर साहेब ने अपनी वाणी मे बताया है कि कबीर मनोकामना बिहाय के हर्ष सहित करें दान। ताका तन मन निर्मल होय, होय पाप कि हान अतार्थ, बिना किसी मनोकामना के जो दान किया जाता है, वह दान दोनों फल देता है। वर्तमान जीवन मे कार्य की सिद्धि भी होंगी तथा भविष्य के लिए पुण्य जमा होगा और जो मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। वह कार्य सिद्धि के पश्चात समाप्त हो जाता है। बिना मनोकामना पूर्ति के लिए किया गया दान आत्मा को निर्मल करता है, पाप नाश करता है। और संत रामपाल ज़ी ने सत्संग के माध्यम से बताया कि भक्त को चाहिए कि सभी बुराईयो को त्यागकर बार -बार धर्म -कर्म के विषय मे सत्संग ज्ञान सुने और अपना चित कोमल रखे। अहिंसा परम धर्म है। ऐसे अहिंसा सम्बन्धी प्रवचन सुनने चाहिए। गांव झोर व आसपास के लोगो ने संत रामपाल ज़ी महाराज का सत्संग श्रवण किया। यह जानकरी राजू भोई ने दी।