Monday, 21 July 2025

आमेट

Amet News : राजस्थान पेंशनर्स समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन

M. Ajnabee, Kishan paliwal
Amet News : राजस्थान पेंशनर्स समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन
Amet News : राजस्थान पेंशनर्स समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन

पेंशनर्सो के सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग

आमेट. राजस्थान पेन्शनर समाज शाखा आमेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लिखा एक ज्ञापन आमेट उपखण्ड अधिकारी गोविन्द सिंह रत्नू को देकर पेंशनर्स के हितों पर कुठाराघात से सम्बन्धित सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने की मांग की।

पेन्शनर समाज शाखा आमेट के अध्यक्ष मदनलाल पुरोहित, मंत्री गोरधंनलाल पारिक आदि ने दिये ज्ञापन में बताया कि भारत सरकार ने संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधेयक पेश करते समय भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार को पेंशनभोगियों के बीच अंतर स्थापित करने का अधिकार मिल गया है। जो केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों पर लागू हो सकता है। और विशेष रूप से पेंशनभोगी की सेवानिवृत्ति की तारीख या केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिश के संचालन की तारीख के आधार पर अंतर किया जा सकता है।

उक्त विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार ने पेंशनर्स की 8 वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों को तिथि के आधार पर वर्गों में बॉटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है।राजस्थान पेंशनर समाज इस हिटलरशाही वित्त विधेयक का घोर विरोध करता है।

इसके अलावा जब से तवीं सीपीसी की घोषणा की गई है।, देश भर के पेंशनभोगी अपने पेंशन संशोधन और 01/01/2026 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनभोगियों और 01/01/2026 (8वीं सीपीसी की सिफारिशों की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में चिंतित हैं। वर्तमान निर्णय पेंशन भोगियों पर एक बड़ा झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकता है।

राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेश नेतृत्व के आहवान पर राजस्थान पेंशनर समाज की हमारी उप शाखा केंद्र सरकार के इस निर्णय का घोर विरोध करते हुए उन्हें इस विधेयक पर पुनर्विचार कर पेंशनरों के हित में निर्णय लेने का अनुरोध करती है।आप को अवगत करवा दें कि यदि विधेयक में पेंशनरों पर कुठाराघात संबंधी बिंदु नहीं हटाए गए तो राजस्थान पेंशनर समाज को पूरे प्रदेश में आंदोलनात्मक रुख अपनाने को मजबूर होना पडेगा।

इस दौरान नरेंद्र सिंह चुंडावत, मोहनलाल, शंकरलाल वर्मा, शंभू सिंह, जगदीश जोशी, नानालाल खटीक, लादूलाल, गोपीलाल, भूरालाल, बाबू दास, गणपत सिंह चुंडावत, ओम प्रकाश, गंगा नारायण पुरोहित, मोहनलाल बुनकर, भंवरलाल जीनगर, विश्वपाल सिंह, अरुण कुमार आचार्य, जयसिंह शर्मा, गंभीर सिंह राठौड़, ब्रह्मदत्त आचार्य सहित पेशनर्स  उपस्थित थे।

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