उत्तर प्रदेश
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ की शुरुआत से पहले महंत पर बड़ा एक्शन, इस गलती कारण अखाड़े ने 7 साल के लिए किया निष्कासित
PushplataMaha Kumbh 2025 News:के प्रयागराज में इस साल 12 सालों के बाद पूर्ण कुंभ लगने जा रहा है।को लेकर तैयारियां आखिरी चरण में हैं। इस बीच महाकुंभ में सन्यासियों के जूना अखाड़े ने अपने एक महंत पर बड़ी कार्रवाई कर दी है।
सर्वसम्मति से 7 साल के लिए निष्कासित किया
जूना अखाड़े में 13 साल की नाबालिग बच्ची को संन्यास की दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरि को अखाड़े ने 7 साल के लिए निष्कासित किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महासभा ने महंत कौशल गिरि को अखाड़े से सर्वसम्मति से 7 साल के लिए निष्कासित किया है।
हालांकि, बीते दिनों महंत कौशल गिरि ने एक 13 साल की बच्ची को संन्यास की दीक्षा दी थी, इस कारण अखाड़े की परंपरा और नियम को तोड़ने के कारण महंत कौशल गिरि के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
13 साल की राखी सिंह को संन्यास की दीक्षा दी
जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने वीडियो जारी कर कार्रवाई की जानकारी दी है। बता दें कि महंत कौशल गिरि ने 2 दिन पहले हीकी रहने वाली 13 साल की राखी सिंह को संन्यास की दीक्षा दी थी।
राखी सिंह जो आगरा के स्प्रिंगफील्ड स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा है, उसे उनके माता-पिता ने दान कर दिया। बच्ची के पिता आगरा में पेठे का कारोबार करते हैं। राखी सिंह का परिवार 26 दिसंबर को प्रयागराज महाकुंभ आया था।
बच्ची को गौरी गिरि नाम दिया गया
जानकारी के अनुसरा दिनेश सिंह का परिवार श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महंत कौशल गिरि से कई सालों से जुड़ा है। बच्ची के पिता संदीप सिंह ने महाकुंभ में अपनी बेटी को महंत कौशल गिरि को दान कर दिया था। संन्यास की दीक्षा देने के बाद बच्ची को गौरी गिरि नाम दिया गया था।
परिजनों की मानें तो बच्ची राखी उर्फ गौरी गिरि ने खुद ही साध्वी बनने की इच्छा जताई थी। वो महंत कौशल गिरि के साथ जुड़कर सनातन की सेवा करना चाहती थी। ऐसे में महंत ने उन्हें दीक्षा दी। हालांकि, ये मामला सुर्खियों में आ गया, जिसके बाद जूना अखाड़े ने उन पर कार्रवाई की।