Tuesday, 09 September 2025

धर्मशास्त्र

Pitru Paksh 2022 : पितृपक्ष में कौवे के रूप में आते हैं पूर्वज, पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथियां

Paliwalwani
Pitru Paksh 2022 : पितृपक्ष में कौवे के रूप में आते हैं पूर्वज, पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथियां
Pitru Paksh 2022 : पितृपक्ष में कौवे के रूप में आते हैं पूर्वज, पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथियां

ज्योतिषाचार्य डाॅ श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस बार पितृपक्ष में 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं है. इस बार सप्तमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर 2022 को व अष्टमी तिथि का श्राद्ध 18 सितंबर 2022 को मनाया जायेगा.

पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने से जुड़ा पितृपक्ष 10 सितंबर 2022 से आरंभ होगा. 16 दिवसीय पितृपक्ष में इस बार 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध नहीं होगा. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू हो रहे पितृपक्ष का समापन 25 सितंबर 2022 को होगा.

17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं

ज्योतिषाचार्य डाॅ श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस बार पितृपक्ष में 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं है. इस बार सप्तमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर 2022 को व अष्टमी तिथि का श्राद्ध 18 सितंबर 2022 को मनाया जायेगा. त्रिपाठी के अनुसार हिंदू धर्म में पितृपक्ष काफी महत्वपूर्ण होता है और यह हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के शुरू होता है.

पितृपक्ष में पूर्वज कौवे रूप में धरती पर आते

15 दिन तक चलने वाला यह पितृपक्ष अश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है. इस दौरान अपने पूर्वजों व पितरों का पिंडदान व तर्पन किया जाता है. कहते हैं पितृपक्ष में पूर्वज कौवे रूप में धरती पर आते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस दौरान 15 दिनों के लिए पितृ धरती पर आते हैं. उनका श्राद्ध और तर्पण पूरे विधि-विधान से किया जाता है. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह आशीर्वाद देकर वापस चले जाते हैं.

पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध और पिंडदान

पंडित विनय कुमार ने बताया कि पितृ दोष दूर करने के लिए पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध और पिंडदान करें. पितृपक्ष में किये गये पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इसके साथ ही दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाकर रोज उनको प्रणाम करें. ऐसा करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है.

पितृपक्ष के दौरान शुभ या मंगल कार्य नहीं करना चाहिए

विनय कुमार के अनुसार पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभ या मंगल कार्य नहीं करना चाहिए. यह समय केवल पितरों की आत्मा की शांति उनको प्रसन्न करने के लिए होता है. पितृपक्ष में विधि-विधान से अपने सभी पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए.

पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथियां

  • 10 सितंबर 2022- पूर्णिमा का श्राद्ध/ प्रतिपदा का श्राद्ध

  • 11 सितंबर 2022- द्वितीया का श्राद्ध

  • 12 सितंबर 2022- तृतीया का श्राद्ध

  • 13 सितंबर 2022- चतुर्थी का श्राद्ध

  • 14 सितंबर 2022- पंचमी का श्राद्ध

  • 15 सितंबर 2022- षष्ठी का श्राद्ध

  • 16 सितंबर 2022- सप्तमी का श्राद्ध

  • 18 सितंबर 2022- अष्टमी का श्राद्ध

  • 19 सितंबर 2022- नवमी श्राद्ध

  • 20 सितंबर 2022- दशमी का श्राद्ध

  • 21 सितंबर 2022- एकादशी का श्राद्ध

  • 22 सितंबर 2022- द्वादशी का श्राद्ध

  • 23 सितंबर 2022- त्रयोदशी का श्राद्ध

  • 24 सितंबर 2022- चतुर्दशी का श्राद्ध

  • 25 सितंबर 2022- अमावस्या का श्राद्ध

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए उत्तरदायी नहीं है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News