धर्मशास्त्र

Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के दिन भूलक‍र भी न करें ये काम

Paliwalwani
Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के दिन भूलक‍र भी न करें ये काम
Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के दिन भूलक‍र भी न करें ये काम

देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi ) या कार्तिक एकादशी को सबसे शुभ माना जाता है. इस दिन विशेष उपाय करने से सभी मनोकामना (desire) पूरी होती है. इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष फल प्रदान होता है. देवउठनी एकादशी को देवोत्थान, प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार देवउठनी एकादशी 04 नवंबर 2022 यानी आज मनाई जा रही है. देवउठनी एकादशी 03 नवंबर रात 08 बजकर 51 मिनट से शुरू हो चुकी है और 04 नवंबर शुक्रवार यानी आज शाम 07 बजकर 02 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि की वजह से देवउठनी एकादशी आज मनाई जा रही है. आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें.

देवउठनी एकादशी के दिन क्या न करें...

1.देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) निद्रा से जागते हैं और इसी के साथ सारे शुभ कार्य शुरू होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी पर दोपहर में नहीं सोना चाहिए. धार्मिक ग्रंथों (religious texts) में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहना चाहिए.

2. देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को भूल से भी चावल नहीं खाना चाहिए. चावल से बनी चीजों से भी इस दिन दूर ही रहना चाहिए. पंडितों का कहना है कि चावल खाने से मन और शरीर स्थिर नहीं रहता है.

3. देवउठनी एकादशी के दिन लहसुन और प्याज (Garlic and Onion) के सेवन से भी बचना चाहिए. क्योंकि ये दोनों तामसिक भोजन में आते हैं. यदि आप ने व्रत नहीं भी रखा है तो कोशिश करें कि सात्विक भोजन ही करें.

4. देवउठनी एकादशी के दिन व्रतधारी को किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए. हो सके तो इस दिन घर या घर के बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा ना करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी नाराज हो जाते हैं.

5. इस दिन अगर आप बूढ़े-बुजुर्गों की सहायता करते हैं तो ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इसलिए बुजुर्गों का अपमान ना करें और उन्हें दुत्कारे नहीं.

6. देवउठनी एकादशी के दिन भूल से भी माता तुलसी के पौधे (basil plant) को नहीं छूना चाहिए. क्योंकि इस दिन माता तुलसी और शालीग्राम का विवाह होता है. ना ही तुलसी तोड़नी चाहिए. ऐसी भी मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि तुलसी उपवास रखती हैं और इससे उनका उपवास टूट जाएगा.

देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें...

1. देवउठनी एकादशी वाले दिन सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर एकादशी व्रत का संकल्प करें.

2. जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे, ये सभी चाहते हैं, तो आप इस दिन भगवान विष्णु को दूध में केसर डालकर उनका अभिषेक करें. अंत में श्री हरि की आरती करें. इस उपाय को करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं.

3. आपको जीवन में सफलता मिले इसके लिए आप इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें, दान पुण्य करें. सौभाग्य प्राप्ति के लिए स्त्रियां इस दिन व्रत रखती है. हो सके तो व्रत वाले दिन आप विष्णुसहस्त्र का पाठ करें.

4. देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सफेद रंग का भोग लगाएं. इस दिन खीर या सफेद रंग की कोई भी मिठाई का भोग लगाने से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते है.

5. देवउठनी एकादशी वाले दिन आप निर्जला व्रत रखें. लेकिन अगर आप गृहस्थ जीवन में है तो फलाहारी उपवास रख सकती है. इस दिन ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें.

नोट : उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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