धर्मशास्त्र
गोमेद पहनने से इन राशि के लोगों का चमक सकता है भाग्य, जानिए धारण करने की सही विधि
Paliwalwaniमनुष्य को रत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश है। साथ ही रत्नों में मानव जीवन को सुखमय, उल्लासपूर्ण बनाने की अप्रतिम क्षमता भी है। आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे रत्न के बारे में जिसका संबंध छाया ग्रह राहु से है और यह रत्न है गोमेद। गोमेद रत्न बहुत सुन्दर होता है कई लोग इसके गहने भी पहनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोमेद पहनने से पहले कुछ बातों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं गोमेद किन राशि वालों को करना चाहिए धारण…
जानिए कैसा होता है गोमेद रत्न:
गोमेद अमूमन म्यांमार और श्रीलंका की खदानों में पाया जाता है। श्रीलंका में जो गोमेद पाया जाता है, उसे सिलोनी गोमेद कहते है। म्यांमार से प्राप्त गोमेद में भूरापन होता है और यह गोमूत्र के वर्ण के समान होता है। ऐसा गोमेद उच्चकोटि का माना जाता है। श्रीलंका से प्राप्त गोमेद कत्थई रंग का होता है। यह मध्यम श्रेणी का माना जाता है। गोमेद भारत में हिमालय, कश्मीर, हजारीबाग और दक्षिण भारत आदि में भी मिलता है।
नेता और वकील धारण कर सकते हैं गोमेद रत्न:
ऐसी मान्यता है कि जो लोग वकालत और न्याय व्यवस्था से जुडे़ क्षेत्रों में कार्य करते हैं या फिर इन क्षेत्रों में मुकाम हासिल करना चाहते हैं उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। कहते हैं कि गोमेद पहनने से इस क्षेत्र में सफलता पाने की राह खुल जाती है। राजनीति में करियर बनाने की चाह रखने वाले लोगों को गोमेद धारण करना चाहिए। साथ ही यह भी बताया जाता है कि गोमेद पहनने से उन लोगों को भी फायदा होता है जो पहले से राजनीति से जुड़े हुए हैं लेकिन अभी तक कामयाबी हासिल नहीं कर पाए हैं।
इन राशि वालों को धारण करना चाहिए गोमेद:
- जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए।
- यदि राहु जन्मकुण्डली में केन्द्र 1, 4, 7, 10 इनमें से किसी भाव में हो या फिर पांचवें व नवम भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होता है।
- यदि राहु द्वितीय, एकादश भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होगा किन्तु यदि राहु छठें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो गोमेद सोच-समझकर पहनें अन्यथा हानि हो सकती है।
- यदि राहु आपकी कुंडली में उच्च का विराजमान हैं, तो भी आप गोमेद रत्न को धारण कर सकते हैं।
कैसे धारण करें गोमेद:
गोमेद को आर्द्रा, शतभिषा और स्वाति नक्षत्रों में से किसी एक नक्षत्र में शनि की होरा में पंचधातु या लोहे की अंगूठी में 5-6 रत्ती भार में मध्यमा अंगुली में ऊं रां राहवे नमः’ मन्त्र से 108 बार अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए। रत्न धारण के बाद किसी ब्राह्मण को राहु का दान भी करना चाहिए। इसे अंगूठी की अपेक्षा यंत्रात्मक स्वरूप में जड़वाकर गले में धारण करें तो ज्यादा बेहतर रहता है।