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Election 2022 : बीजेपी के पास दूसरी पार्टियों पर बढ़त, जानें आयोग के फैसले के बाद सारे दल कैसे कर रहे वर्चुअल कैंपेन की तैयारी

Paliwalwani
Election 2022 : बीजेपी के पास दूसरी पार्टियों पर बढ़त, जानें आयोग के फैसले के बाद सारे दल कैसे कर रहे वर्चुअल कैंपेन की तैयारी
Election 2022 : बीजेपी के पास दूसरी पार्टियों पर बढ़त, जानें आयोग के फैसले के बाद सारे दल कैसे कर रहे वर्चुअल कैंपेन की तैयारी

चुनाव आयोग ने कोविड के बढ़ते मामलों के कारण शनिवार को एक अहम कदम उठाते हुए पांच राज्यों में रैलियों, रोडशो और नुक्कड़ सभाओं पर 15 जनवरी तक रोक लगाकर कड़े निर्देश जारी किए। इसके बाद से राजनीतिक दलों के लिए लोगों तक पहुंचने का एक अदद जरिया डिजिटल प्लेटफार्म ही रह गए हैं। ऐसे माहौल में बीजेपी के पास खासी बढ़त है, क्योंकि पार्टी की आईटी सेल मजबूत है तो उसे इस तरह का प्रयोग का अनुभव भी है। बीते चुनावों में वो इस माध्यम से लोगों से रूबरू हो चुकी है। पश्चिम बंगाल चुनाव में इसका इस्तेमाल किया गया था।

बीजेपी के पास खासी बढ़त

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी की योजना 3 डी स्टूडियो मिक्स तकनीक के इस्तेमाल की है। इसके जरिए दो अलग-अलग जगहों पर बैठे नेता पोडियम पर एक साथ दिख सकेंगे। पार्टी के पास हर सूबे में 1.5 लाख बूथ लेवल के वाट्सएप ग्रुप हैं। लोकल लेवल पर बीजेपी ने डिजिटल वार रूम बना रखे हैं। वहां बैठी टीमें सोशल मीडिया के जरिए लोगों का समर्थन जुटा सकती हैं। पार्टी प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि डिजिटल कैंपेन के लिए पार्टी ने पहले से ही अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर रखा है।

सपा का वार रूम 2017 से तैयार

समाजवादी पार्टी का कहना है कि उसने 2017 से ही अपना डिजिटल वार रूम बना लिया था। वर्कर्स को लंबे समय से ट्रेनिंग भी दी जा रही है। सोशल मीडिया पर पार्टी काफी सक्रिय है। लिहाजा उसे लोगों तक पहुंचने में परेशानी नहीं होगी। 400 असेंबली सीटों में ट्विटर, वाट्यएप के जरिए संपर्क कायम हो चुका है। पार्टी प्रवक्ता राजीव राय कहते हैं कि उनका वर्चुअल संपर्क केवल शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों तक भी पहुंचा है।

प्रियंका के साथ लाइव बनेगा हथियार

कोरोना के खतरे को देख कांग्रेस ने ही सबसे पहले रैलियों को स्थगित करने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर प्रियंका के साथ लाइव के जरिए कांग्रेस महासचिव लोगों से रूबरू हो रही हैं। फेसबुक पर लाइव सेशन के जरिए वो ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क स्थापित कर रही हैं। पार्टी प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत कहते हैं कि को मजबूत बना लोगों से जुड़ा जा रहा है।

बसपा, आप भी कस रहीं कमर

मायावती की बहुजन समाज पार्टी सोशल मीडिया पर दूसरे दलों की अपेक्षा उतनी मजबूत नहीं दिख रही। हालांकि, पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा फेसबुक के जरिए लाइव रैलियों को संबोधित कर रहे हैं लेकिन पार्टी के पास आक्रामक रणनीति का अभाव है। उधर, आप सांसद संजय सिंह भी डिजिटल रैलियों पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि इसके अलावा को भी खासी मजबूती से अंजाम दिया जाएगा।

41 फीसदी ने रैलियों पर प्रतिबंध का किया समर्थन

पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने के एक दिन बाद एक सर्वेक्षण में दावा किया गया कि 41 फीसदी लोग सभी राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध का समर्थन करते हैं। चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 31 फीसदी लोगों ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव स्थगित किए जाने की वकालत की।

डिजिटल मंच ‘लोकलसर्किल्स’के सर्वेक्षण में 24 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराते हुए रैलियों को जारी रखा जाए। चार फीसदी लोगों ने कहा कि चुनावों के कारण कोविड के फैलने का खतरा कम है इसलिए किसी तरह की कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है। सर्वेक्षण में देश के 309 जिलों के 11,000 लोगों ने हिस्सा लिया जिनमें 4172 व्यक्ति उन पांच राज्यों के जिलों से थे जहां चुनाव होने वाले हैं। इसमें 68 फीसदी पुरुष और 32 फीसदी महिलाएं थीं।

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