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1971 की जंग में चटाई थी धूल, पाक ने कई बार किया हमला… वीरता और निडरता की मिसाल है आदमपुर एयरबेस
PALIWALWANI
Adampur Airbase: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आदमपुर एयरबेस चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने मंगलवार को इस एयरबेस का दौरा किया और वायुसैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने यहां से एक संबोधन भी दिया, जिसमें उन्होंने देश के दुश्मनों को चेतावनी दी। आदमपुर एयरबेस का महत्व काफी अधिक है और जब भी भारत के दुश्मनों ने देश को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है, तब-तब इस एयरबेस ने भारत को सुरक्षा प्रदान की है।
पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर आदमपुर एयरबेस
आदमपुर एयरबेससीमा से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है। भारतीय वायुसेना का दूसरा सबसे बड़ा आदमपुर एयरबेस वीरता, सामरिक युद्ध और निडरता का प्रमाण है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महत्वपूर्ण फ्रंटलाइन एयरबेस का दौरा किया, तो यह सिर्फ मनोबल बढ़ाने वाली कवायद से कहीं बढ़कर था।
यह दौरा एक स्टेटमेंट था और पाकिस्तान के गलत सूचना अभियान पर एक तीखा प्रहार था। कारगिल युद्ध के बाद से सबसे भयंकर सैन्य गतिरोध के चरम पर पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने आदमपुर एयरबेस पर भारत की सुदर्शन एस-40 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया है। मंगलवार को पीएम मोदी ने इस दुष्प्रचार की सच्चाई बयां की, जब उन्होंने एस-400 और मिग-29 के साथ वायुसैनिकों को संबोधित किया। इस एयरबेस से मंगलवार को दिए गए बयान ने एक बार फिर आदमपुर के सामरिक महत्व को दर्शाया है।
आदमपुर भारतीय वायुसेना का दूसरा सबसे बड़ा एयरबेस
एक साधारण हवाई पट्टी से विकसित, आदमपुर एयरबेस जालंधर और होशियारपुर के बीच स्थित है। अब पूरी तरह से चालू एयरबेस के रूप में काम कर रहा यह भारतीय वायुसेना का दूसरा सबसे बड़ा एयरबेस है। यह भारतीय वायुसेना की 47वीं स्क्वाड्रन का घर भी है, जिसे ‘ब्लैक आर्चर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, एयरबेस पर 28वीं स्क्वाड्रन की अग्रिम तैनाती भी है। ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ के नाम से मशहूर इस एयरबेस में Su-30MKI विमान हैं।
पाक ने दागी छह मिसाइलें
75 साल पुराना यह एयरबेस आजादी के समय से ही पाकिस्तान के रडार पर है। चाहे 1965 हो, 1971 हो या कारगिल युद्ध, पाक सेना ने आदमपुर की सुरक्षा में सेंध लगाने की बार-बार कोशिश की और नाकाम रही। 9 और 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने आदमपुर में करीब छह मिसाइलें दागी थीं, जिन्हें एयरबेस से करीब 7 किलोमीटर दूर रोक दिया गया था।
1971 में पाक को चटाई थी धूल
यह भारत के इस हिस्से की खतरनाक स्थिति की याद दिलाता है। 1971 में भी जब पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के लगभग सभी एयरबेसों को नष्ट कर दिया था, तब आदमपुर एकमात्र चालू एयरबेस था। उस समय इसमें मिग-21, Su-7 और एक रडार सिस्टम था। 100 से ज़्यादा उड़ानें भरने वाले आदमपुर एयरबेस ने 71 के युद्ध में उत्तर-पश्चिम लाहौर को भारी नुकसान पहुंचाया था। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार इस एयरबेस में मज़बूत लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। यह निरंतर युद्ध संचालन को मज़बूत बनाने में मदद करता है।