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चंडीगढ़ मेयर चुनाव : रिटर्निंग अफसर को लगाई फटकार, लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे : सुप्रीम कोर्ट
Paliwalwaniचंडीगढ़. चंडीगढ़ मेयर चुनाव के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या हुई है. हम नहीं चाहते कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो. कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर के वीडियो फुटेज पर भी सवाल उठाए. सीजेआई ने कहा की चुनाव की पवित्रता बरकरार रखने के लिए चंडीगढ़ मेयर चुनाव की डिटेल पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा की जाएगी.
बैलेट पेपर, वीडियो रिकॉर्डिंग और चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज रजिस्टर जरनल के पास जमा किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ निगम का बजट सत्र मंगलवार को पेश नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बजट पेश न करने के लिए कहा है. अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर को कड़ी फटकार लगाई. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि रिटर्निंग अफसर ने जो किया वो लोकतंत्र की हत्या जैसा है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि वो कैमरे में देख रहा है और बैलेट पेपर को खराब कर रहा है. इस अफसर पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव की पवित्रता बरकरार रखने के लिए चंडीगढ़ मेयर चुनाव की डिटेल पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा होंगे. हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में बहस की शुरुआत की. सिंघवी ने कोर्ट में एक पेन ड्राइव दी, जिसमें चुनाव की वीडियोग्राफी की फुटेज था. सिंघवी ने कहा कि हम 20 थे, बीजेपी 16 थी. वोटिंग में 36 लोग वोट करते हैं. ऑफिसर ने 8 लोगों को अयोग्य करार दिया. ये सभी लोग हमारे थे. 20 घटकर 12 हो जाता है. हाईकोर्ट ने बैलेट को सुरक्षित नहीं रखा, बल्कि तीन हफ्ते के लिए नोटिस जारी किया.