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CG Board Result : 10वीं टॉपर बनते ही पहुंची जेल !, दृश्य देख पुलिस अधिकारियों की आंखें हुईं नम
Pushplata
जहां एक ओर देशभर में सीबीएसई स्कूल के 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी होने के बाद विद्यार्थियों में खुशी की लहर है। इसी बीच दो दिन पहले जारी हुए सीजी बोर्ड परीक्षा के नतीजों के बाद यहां से कुछ भावुक कर देने वाले पल सामने आ रहे हैं।
यहां छत्तीसगढ़ में 10वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मेधावियों की सूची में सातवें स्थान पर रही एक छात्रा से जब पुलिस अधीक्षक मिलने पहुंचे तब उसने अधिकारी से तीन वर्ष से जेल में बंद अपने पिता से मिलने की इच्छा जताई। इसके बाद पुलिस ने छात्रा की मुलाकात जेल में बंद उसके पिता से कराई, तो वह बेटी से मिलकर रोने लगे।
10 तारीख को घोषित हुए थे 10वीं-12वीं बोर्ड के परिणाम
बता दें कि छत्तीसगढ़ के माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस महीने की 10 तारीख को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम की घोषणा की। सभी छात्रों की तरह दुर्ग के पोलसाय पारा की निवासी सानिया मरकाम को परीक्षा परिणाम का इंतजार था।
जब सानिया को जानकारी मिली कि वह 97.33 प्रतिशत के साथ वह मेधावियों की सूची में सातवें स्थान पर है तब उसने इसकी जानकारी अपनी मां को दी। मां ने सानिया को गले लगाकर आशीर्वाद दिया, लेकिन दोनों इस बात को लेकर दुखी थीं कि गर्व के इस क्षण को सानिया के पिता से साझा नहीं किया जा सकता था, क्योंकि वह जेल में बंद हैं।
सानिया के पिता-भाई जेल में बंद हैं
दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने शुक्रवार को बताया कि सानिया के पिता और भाई एक किशोर की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। बोर्ड परीक्षा के नतीजे आने के बाद जब मैं सानिया को बधाई देने उनके घर गया तब उसने मुझे बताया कि उसके पिता और भाई जेल में हैं और उसने पिछले तीन साल से अपने पिता को नहीं देखा है। सानिया ने मुझसे कहा कि वह अपने पिता से मिलना चाहती हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मैंने तत्काल जेल प्रशासन से संपर्क किया और जेल में सानिया और उसके पिता की मुलाकात कराई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब सानिया अपने पिता से मिली तब पिता ने बेटी को बधाई देने के साथ उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और रोने लगे। जेल में मौजूद अधिकारियों ने जब दोनों को रोते देखा तब उनकी भी आंखें नम हो गईं।
पिता-भाई परिवार के कमाऊ सदस्य थे
पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्रा के पिता और उसका एक भाई परिवार के कमाऊ सदस्य थे, लेकिन दोनों अब जेल में हैं। छात्रा के नौ अन्य भाई-बहन हैं। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में एक सरकारी स्कूल में पढ़कर मेधा सूची में सातवां स्थान हासिल करना अपने आप में बड़ी जीत है। यह इसका उदाहरण है कि यदि आप मेहनत करते हैं तो समस्याएं आपको रोक नहीं सकतीं।
उन्होंने बताया कि दुर्ग स्थित शासकीय आदर्श बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा सानिया ने 10वीं कक्षा की परीक्षा में 600 में से 584 अंक प्राप्त किए। वह 97.33 प्रतिशत अंक के साथ जिले में प्रथम और राज्य स्तर के मधावियों की सूची में सातवें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 मई को 10वीं और 12वीं की परीक्षा के नतीजे घोषित किए थे।