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भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव अब नहीं रहे जय-वीरू, छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को सता रहा सरकार गिरने का डर

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भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव अब नहीं रहे जय-वीरू, छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को सता रहा सरकार गिरने का डर
भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव अब नहीं रहे जय-वीरू, छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को सता रहा सरकार गिरने का डर

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने 16 जुलाई को पंचायती मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच नाराजगी की अटकलें फिर से लगाई जाने लगीं। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को चल रहा था, इस दौरान भाजपा ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव के इस्तीफे के मुद्दे को उठाकर हंगामा किया। यहां तक ​​कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक नोटिस भी जारी किया।

प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस मुद्दे पर सीएम से स्पष्टीकरण की मांग की। बीजेपी ने कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट है, क्योंकि टीएस सिंह देव जैसे वरिष्ठ मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है और उन्होंने सीएम बघेल में अपना अविश्वास व्यक्त किया है। भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव नोटिस में कहा गया है कि एक मंत्री ने सीएम के खिलाफ आरोप लगाया है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार कैबिनेट और कार्यपालिका विधायिका के प्रति जवाबदेह हैं। लेकिन राज्य सरकार इस मोर्चे पर विफल रही है।

90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 71 सदस्यों के साथ भारी बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस सरकार को अंदरूनी संकट के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टीएस सिंह देव का मौजूदा विधानसभा सत्र में सीएम बघेल के साथ न बैठना उनके संघर्ष को उजागर करता है। पिछले मानसून सत्र के दौरान भी सीएम भूपेश बघेल से जुड़े पार्टी विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा टीएस सिंह देव पर आरोप लगाए गए थें और फिर टीएस देव विधानसभा से चले गए थे , बृहस्पति सिंह द्वारा माफ़ी मांगने के बाद ही टीएस सिंह देव विधानसभा में वापस आये थें।

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