राजसमन्द
त्याग की मूर्ति : पालीवाल समाज की समाजसेविका श्रीमती खीमा बाई पालीवाल का निधन, अंस्थि संचय आज
नंदकिशोर दवेधोरण मोरचा. पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी की वरिष्ठ समाजसेविका श्रीमती खीमा बाई धर्मपत्नी ब्रह्मलीन श्री मोहनलाल जी पालीवाल का दिनांक 20 जून 2021 को निधन हो गया. जिनका अस्थि संचय कार्यक्रम दिनांक 23 जून 2021 को सुबह 8 : 00 बजे धोरण मोरचा पर रखा गया हैं. बता दे श्रीमती खीमा बाई की शादी 7 वर्ष की आयु में श्री मोहनलाल जी पालीवाल ग्राम. कुंठवा जिला राजसमंद, राजस्थान के यहा संपन्न हुई. ईश्वर को ना जाने किया मंजूर था. 7 वर्ष की आयु में शादी हुई ओर एक महीने के बाद ही इनके पति इस दुनिया से अलविदा होकर चले गए. जिसने बचपन में अपना पति खोया हो...उस पर किया बीती होगा. ईश्वर ही जानता है. फिर भी उसने पति क्या होता है, उनकी मर्यादा क्या होती है, वो रिश्ता श्रीमती खीमा बाई ने आजीवन दुसरी शादी ना कर पति धर्म निभाते हुए...20 जून 2021 को अंतिम सांस ली तो पूरा गांव इनकी दास्ता को बयां करता रहा. कितना कठिन तप कर अपने पक्के इरादें जाहिर किए. वो वास्तव में ईश्वर की मूर्ति ही रही होगी. आज के दौर में इतना बड़ा त्याग पालीवाल समाज में कम ही देखने और सुनने को मिलते हैं, खीमा बाई ने अपनी पूरी जिंदगी एक बेवा के रूप में अपने मायके में बिता दी. भाईयों ने भी अपनी बहन को बहुत ही स्नेह, प्रेम दिया. जिसके बल पर खीमा बाई ने भी अपना पुरा जीवन यापन बहुत ही कठिन लेकिन मस्त होकर जीया. लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी. आप सर्वश्री भंवरलाल बागोरा, पन्नालाल बागोरा, चुन्नीलाल बागोरा (ग्राम. धोरण मोरचा) की बहिन थी. श्रीमती खीमा बाई पालीवाल ने अपना पुरा जीवन अपने भाई श्री चुन्नीलाल बागोरा की देख रेख में व्यतित किया. आपके दो भाई भंवरलाल बागोरा, पन्नालाल बागोरा का निज निवास इंदौर, मध्यप्रदेश में रहते हैं. उक्त जानकारी समाजसेवी श्री नंदकिशोर गंगाराम जी दवे (बामन टूंकड़ा) ने पालीवाल वाणी को दी.
● पालीवाल वाणी ब्यूरों. नंदकिशोर दवे...✍️