राजसमन्द
कांकरोली के इतिहास में प्रथम जैन दीक्षा संपन्न- मुमुक्षु मीना बेन करेगी 7 मई को दीक्षा ग्रहण
Suresh Bhatकांकरोली। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ कांकरोली के तत्वावधान में सोजत रोड़ निवासी जवरी लाल खांटेड़ परिवार द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय दीक्षा समारोह के अंतिम दिन प्रज्ञा विहार प्रांगण में उपस्थित जैन समाज के हर्षोल्लास के बीच 357वीं दीक्षा दानेश्वरी पूज्य आचार्य गुणरत्नसूरीश्वर महाराजा ने मुमुक्षु खुशबु कुमारी को जब रजोहरण प्रदान किया। तब उसका रोम-रोम नाच उठा। पूज्य दीक्षादानेश्वरी के हाथों यह 358वां रजोहरण था। जो अपने आप में एक कीर्तिमान था। कांकरोली के इतिहास में सर्वप्रथम दीक्षित होने का सौभाग्य मुमुक्षु खुशबु कुमारी खांटेड़ को मिला। विजय तिलक के बाद पात्रे, कामली, तरपनी, चरवली, आसन, डांडा आदि 15 उपकरणों की बोली लगाई गई। लाभार्थी परिवारों ने उपकरण वहोराये। गुरुभगवंतश्री ने मुमुक्षु खुशबु का नया नामाकरण किया गया जो दीक्षा के बाद साध्वी परमानन्द रेखाश्री रखा के नाम से पहचानी जाएगी। उस वक्त पूरा पांडाल जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर हजारों की संख्या में जैन श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। कांकरोली के इतिहास में प्रथम जैन दीक्षा संपन्न- मुमुक्षु मीना बेन करेगी 7 मई को दीक्षा ग्रहण
खुशबू बनी साध्वी परमानन्द रेखाश्री
खुशबू जैन ने मंगलवार को आचार्य गुणरत्न सुरेश्वर महाराज के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण करी। दीक्षा के बाद उनका नामकरण परमानंद रेखा श्रीजी घोषित किया गया। समारोह में राजसमंद, उदयपुर, पाली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत देश - विदेश के शहरों से सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद रहे। सुबह 10 बज के 30 मिनट पर मुमुक्षु खुशबू ने माता-पिता को प्रणाम कर सांसारिक जीवन को नमस्कार किया और हमेशा के लिए उससे मोह छोडने का प्रण ले लिया। उसके बाद दीक्षा स्थल पर आचार्य द्वारा खुशबू को ओघा अर्पित किया गया।
खुशी से झूम उठी मुमुक्षु खुशबु
जैसे ही आचार्य द्वारा खुशबू को ओघा अर्पित किया तब खुशबू पिंजरे में बंद पक्षी के आजाद होने के समान खुशी महसूस कर झूम उठी। उसके बाद मुमुक्षु को साधु संतों का परिवेश धारण कराया गया। इसके लिए श्रद्धालुओं ने बोलियां लगाकर साध्वी को साधु वेश अर्पित किया। पांडाल में उपस्थित जनसमुदाय ने ‘जैनम जयति शासनम’ नूतन दीक्षित अमर रहे के गगनभेदी जयकारों से पांडाल गुंजयमान हो गया।
सिंह की तरह संयम लिया है तो सिंह की तरह उसका पालन करना
आचार्य गुणरत्न सूरीश्वर ने बताया कि सिंह की तरह संयम लिया है तो सिंह की तरह उसका पालन करना। स्वजन धूनन के बाद अब कर्म धूनन जरूरी है। आत्मा के शुद्धस्वरूप का साक्षात्कार करना यही एक मात्र आपका लक्ष्य होगा। आचार्य रश्मिरत्न सूरीश्वर ने कहा कि जिसका ड्रेस एक व एड्रेस अनेक वही संयमी है। और जिसके ड्रेस अनेक व एड्रेस एक वह संसारी है।
मुमुक्षु मीना बेन करेगी 7 मई को दीक्षा ग्रहण
दीक्षा समारोह में आचार्य के सानिध्य में मुमुक्षु मीना बेन मोतीलाल जी (पादरली) मुंबई वालों ने 7 मई दीक्षा का मुहुर्त ग्रहण किया। दीक्षा की विशेष पत्रिका ‘हमारा हिन्दुस्तान’ का विमोचन गुरुभगवंतों के सान्निध्य में राजस्थान हाईकोर्ट के जज जैनेन्द्र कुमार रांका एवं संपादक कमल झोटा, संजय बोल्या, भेरूलाल हींगड़, प्रवीण बोल्या, चंद्रप्रकाश सिंयाल द्वारा किया गया।
आज होगी प्रतिष्ठा, फलेचुंदड़ी व शांति पूजन
2 मार्च को प्रातरू 6.30 बजे दयालशाह मंत्री द्वारा निर्मित दयालशाह किला तीर्थ में विशाल आदिनाथ दादा की प्रतिष्ठा हुई, फलेचुंदड़ी व शांति पूजन हुआा। 3 को नाथद्वारा, 4 को देलवाड़ा व आज 6 मार्च को खमनोर प्रतिष्ठा हेतु प्रवेश करेंगे।
कांकरोली। जिला मुख्यालय के प्रज्ञा विहार में आयोजित दीक्षा समारोह में मुमुक्षु खशबु को दीक्षा प्रदान करते आचार्यवर व दीक्षा ग्रहण करती, दीक्षा ग्रहण करने वाली मुमुक्षु के कैस लोंचन के बाद नव दीक्षार्थी का नामाकरण करते करते आचार्य व समारोह में उपस्थित जन समुह। फोटो- सुरेश भाट