राजसमन्द
सजेंगे गजानन, गूजेंगे यजुर्वेदी मंत्र
Mahaveer Vaysबिनोल। गणेशोत्सव के तहत सोमवार को चारभुजा मित्र मंडल की ओर से गणपति की विशेष झांकी सजाई जाएगी। इस मौके पर यजुर्वेदी मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा अर्चना और देर शाम आध्यात्मिक स्वर के साथ स्थानीय गायक आध्यात्मिक रंग बिखेरेंगे। मित्र मंडल की ओर से हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है। इस बार आयोजन को भव्य रूप देने के लिए पिछले एक माह से तैयारियां चल रही है। खास तौर इस बार सजावट के साथ वैदिक पूजन और अनुष्ठानों की धूम रहेगी। तीन दिवसीय इस महोत्सव के दौरान हर वर्ष झांकी देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग भी आते है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था भी की गई है। बिनोल मित्र मंडल की ओर से बताया कि प्रतिदिन गणेश आह्वान, गणेश अथर्वशीष का पाठ, गणपति वंदना, गणेश स्त्रोत के अलावा आरती के बाद पुष्पाजंलि भी मंत्रोच्चार के साथ की जाएगी। मंगलवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को महाआरती के साथ भव्य शोभायात्रा के साथ प्रतिमा का विर्सजन किया जाएगा।
आइये आपको बताते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा के समय और मुहूर्त के बारे में..
ऐसा माना जाता है कि गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। काशी के पंडित दिवाकर शास्त्री के मुताबिक इस बार चतुर्थी वाले दिन काफी अच्छे संयोग बन रहे हैं। रविवार को ही चतुर्थी शाम 6 बजकर 54 मिनट से लग जायेगी जो कि 5 सितंबर को रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी।
बप्पा की पूजा और स्थापना
इस कारण आप सोमवार को सुबह से लेकर रात 21:10 के बीच में बप्पा की पूजा और स्थापना कर सकते है। वैसे पूजा का सबसे अच्छा वक्त सोमवार को दिन के 11 बजे से लेकर दोपहर के 1 बजकर 38 मिनट तक का है।
10 दिन तक गणेश उत्सव
मालूम हो कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी के 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। विघ्नहर्ता की दिल से पूजा करने से इंसान को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और मुसीबतों से छुटकारा मिलता है।
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