राजसमन्द

अहंकार ही प्रत्येक मानव के जीवन में पतन का कारण हे: शास्त्री

Suresh Bhat
अहंकार ही प्रत्येक मानव के जीवन में पतन का कारण हे: शास्त्री
अहंकार ही प्रत्येक मानव के जीवन में पतन का कारण हे: शास्त्री

राजसमंद। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के सन्त डा. रामस्वरूप शास्त्री ने कहा कि अहंकार प्रत्येक मानव के जीवन में पतन का कारण माना गया है। अहंकार चाहे धन का हो, विद्या का हो या सुन्दर शरीर का हो वह सारे सदगुणों पर पानी फेर देता हे। व्यक्ति ज्यादा सुन्दर हे तो बुढ़ापे में रूप बिगड़ जाएगा, लक्ष्मी चंचल हे इसलिए धन भी धोखा देता हे और अभिमानी का सिर एक दिन अवश्य नीचा हो जाता है। अत: इस क्षणिक जीवन में संसार के मिथ्या पदार्थों से अहंकार दूर कर आत्मा को पतन से बचाकर जीवन को परमात्मा की भक्ति में लगाना ही जीवन की सफलता हे।

राम मन्त्र शास्त्रों के सभी मन्त्रों में सबसे प्रभावी व सरल है

महेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि चातुर्मास प्रवास के अवसर पर माहेश्वरी समाज के सभा भवन में प्रवचन देते हुए शास्त्री ने गर्ग संहिता पर राम शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि शास्त्रों के सभी मन्त्रों में सबसे प्रभावी व सरल हे राम मन्त्र जो तारक महामन्त्र कहलाता हे। भगवान शिव भी इसी महामन्त्र का ध्यान करते हे। सम्पूर्ण वर्णमाला का प्राणरूप हे श्रकार व मकार इसमें जाति, भेद, वर्ण आदि का बंधन भी नहीं हे। राममन्त्र राजमंत्र कहलाता हे जिसमे स्वर भेद का भी दोष नही है। राम मन्त्र उल्टा सीधा जपने पर भी फल सिद्धि देता हे। शास्त्री ने कहा कि वाल्मीकि ने मरा शब्द का उच्चारण किया था फिर भी महान ऋषि बन गए थे। राम मन्त्र को आकार निराकार सद्गुण और निर्गुण दोनों ही रूपों में फलदायी माना गया है।

न्यूज सर्विस, राजसमंद

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