Saturday, 22 November 2025

राजस्थान

अजमेर में साहित्य और नाटयकला के क्षेत्र में उमेश चौरसिया का विशेष योगदान-52 पुस्तकों का लेखन

S.P.MITTAL BLOGGER
अजमेर में साहित्य और नाटयकला के क्षेत्र में उमेश चौरसिया का विशेष योगदान-52 पुस्तकों का लेखन
अजमेर में साहित्य और नाटयकला के क्षेत्र में उमेश चौरसिया का विशेष योगदान-52 पुस्तकों का लेखन

38 वर्ष की सेवा के बाद शिक्षा बोर्ड के सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्ति

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अजमेर. जाने माने साहित्यकार उमेश चौरसिया 29 सितंबर 2025 को अजमेर स्थित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्यालय से सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। चौरसिया ने 38 वर्ष तक शिक्षा बोर्ड में अपनी सेवाएं दी। शुरू से ही लेखन में रुचि होने के कारण चौरसिया शिक्षा बोर्ड की साहित्यिक गतिविधियों से भी जुड़े रहे। चौरसिया ने अब तक 52 पुस्तकों का लेखन किया है।

चौरसिया का कहना है कि शिक्षा बोर्ड से सेवानिवृत्ति के बाद वे और ज्यादा समय लेखन कार्य को दे सकेंगे। मौजूदा समय में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े अनेक संगठनों का दायित्व चौरसिया के पास है। चौरसिया का कहना है कि उन्हें संघ के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्हें संघ के कई प्रचारकों का सान्निध्य में प्राप्त हुआ है। चौरसिया को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी चौरसिया को सम्मानित किया है। चौरसिया ने स्वामी विवेकानंद पर मेधावी नरेंद्र बाल नाटक का लेखन भी किया है।  सेवानिवृत्ति पर मोबाइल नंबर 9829482601 पर चौरसिया को बधाई दी जा सकती है।

 40 वर्षों से रंगकर्मी : भारतीय संस्कृति, कला और साहित्य के अध्येता उमेश कुमार चौरसिया प्रयोगधर्मी नाट्य लेखक व निर्देशक, शैक्षिक व बाल रंगमंच विशेषज्ञ, बाल साहित्यकार, लघु फिल्म निर्देशकए कवि.गीतकारए लघुकथा . सामयिक आलेख व स्तंभ लेखक और आलोचक.समीक्षक के रूप में सुपरिचित। इनके रचित नाटक बच्चों को नैतिक मूल्यए संस्कार और व्यवहारिक जीवन की शिक्षा देने वाले होते हैं। 40 वर्षों से रंगकर्म।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय व एनसीईआरटी से मान्य नाट्य विशेषज्ञ व दूरदर्शनए आकाशवाणी के लेखक द्य राजस्थान साहित्य अकादमी व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व मानद सदस्य । 21 वर्ष से लगातार विविध समाचार पत्रों में फीचरए समीक्षाए आलेखए कॉलम व गेस्टराइटर स्टोरी लेखन।

52 पुस्तकों का लेखन : हिंदी व राजस्थानी में समान रूप से लेखन कर रहे उमेश कुमार चौरसिया की अब तक कुल 52 कृतियां प्रकाशित हुई हैं। बाल साहित्य की 27 कृतियों में 18 नाटक संग्रह, दो बाल उपन्यास, तीन बालकथा संग्रह और चार संपादित व अन्य कृतियां प्रकाशित हुई हैं । बाल साहित्य से इतर 25 कृतियों में 13 नाटक संग्रह, एक लघुकथा संग्रह, एक काव्य संग्रह, एक शैक्षणिक और 8 संपादित व अन्य कृतियां प्रकाशित हुई हैं।

इनमें पाँच राजस्थानी कृतियां भी शामिल हैं। हाल ही में रचित लोकमाता अहिल्याबाई नाटक देशभर में कई जगह प्रदर्शित।  एनबीटी से बाल नाटक मेधावी नरेन्द्र के चार हिन्दी व एक पंजाबी संस्करण के साथ बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में समग्र शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल। प्रकाशन विभाग भारत सरकार, जवाहर कला केन्द्र, विवेकानन्द केन्द्र हिन्दी प्रकाशन विभाग, राजस्थान साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा साहित्य व संस्कृति अकादमी और बाल साहित्य अकादमी से भी कृतियाँ प्रकाशित।

विभिन्न पुरस्कार : राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा शंभूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार 2011-12 तथा नाटक विधा हेतु देवीलाल सामर पुरस्कार 2018-19, राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 2019 में मोनोग्राफ प्रकाशित, भगवन्त विश्वविद्यालय में 2022 में राजस्थान की नाट्य परम्परा और उमेश कुमार चौरसिया के नाटकों में मूल्यबोध विषय पर पीएचडी शोधप्रबन्ध, जीन्यूज द्वारा इमरजिंग राजस्थान टेलेन्ट सम्मान 2021,  भा.दे.से.न्यास लखनऊ द्वारा अखिल भारतीय युवा साहित्यकार सम्मान 2005, हिन्दी बालसाहित्य शोध संस्थान बनौली, बिहार द्वारा श्राष्ट्रीय आचार्य रामलोचन शरण बाल साहित्य शिखर सम्मान-2022, देवपुत्र पत्रिका द्वारा केसर पूरन स्मृति पुरस्कार-2023, बाल वाटिका पत्रिका द्वारा श्रामस्वरूप गर्ग स्मृति बालसाहित्य सम्मान-2024, इंडिया नेटबुक्स बाल सहित्य रत्न पुरस्कार 2025 सहित अनेक राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय सम्मान। दो राजस्थानी व चार हिन्दी नाटक राज्यस्तर पर पुरस्कृत। पाँच बाल नाटकों को एनसीईआरटी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ नाट्य ऑडियो का पुरस्कार। 

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