राजस्थान
राष्ट्रसंत महर्षि उत्तमस्वामी जी करेंगे श्रीराम कथा 25 मई से : श्री गोपालकृष्ण गौशाला कल्पवृक्ष धाम कनेरा घाटा निम्बाहेड़ा में
चन्द्रशेखर मेहता
पत्रकार : चन्द्रशेखर मेहता
प्रतापगढ़. निकट के गाव कनेरा घाटा मे ध्यानयोगी महर्षि उत्तमस्वामी जी महाराज के श्रीमुख से श्रीराम कथा 25 मई 2025 से प्रारंभ होगी.
उल्लेखनीय है कि ध्यानयोगी महर्षि उत्तमस्वामी जी महाराज कथा से मिलने वाली धनराशि गौशाला के विकास के लिए दान करेंगे. राष्ट्रसंत महामंडलेश्वर 1008 श्रीउत्तमस्वामी जी महाराज के श्रीमुख से श्रीराम कथा का आयोजन 25 मई से 2 जून 2025 तक श्री गोपालकृष्ण गौशाला कल्पवृक्ष धाम कनेरा घाटा निम्बाहेड़ा में होगा.
महर्षि उत्तमस्वामी जी महाराज 35 वर्षों से देश-विदेश में 500 से अधिक श्रीमद्भागवत, शिवपुराण, श्रीरामकथा कर चुके हैं. महाराज श्री कथा से प्राप्त होने वाली समस्त राशि उनके सान्निध्य में 11 स्थानों-हरिद्वार, बांसवाड़ा,जबलपुर, प्रतापगढ़, गंगासागर, खपरमल, सलकनपुर एवं मंदसौर पर चलने वाले प्रकल्प आदिवासी वनवासी बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सहायता, नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन, आवास व्यवस्था, वैदिक विद्यालय प्रकल्प, गौशाला आदि में खर्च करते है और मंदिर निर्माण के लिए भी दान कर देते हैं.
अध्यक्ष पुष्कर शर्मा ने बताया कि श्री गोपालकृष्ण गौशाला में स्वामीजी तीसरी बार कथा करेंगे. पूर्व की 2 कथाओं से प्राप्त समस्त धनराशि स्वामीजी ने श्री गोपालकृष्ण गोशाला समिति को भेंट कर दी थी. इससे गोशाला का विकास हुआ. गुरू भक्त मंडल के मीडिया प्रभारी चन्द्र शेखर मेहता ने बताया कि श्रीश्री उत्तमस्वामी जी महाराज देश में ऐसे आध्यात्मिक धर्मगुरु हैं, जिनके सान्निध्य में देश के सभी 52 शक्तिपीठों पर विशाल हवन और अनुष्ठान हो चुके हैं, राजनाथ सिंह, शिवराजसिंह चौहान आदि ने यज्ञ में आहुतिया दी.
देश में पहली बार सभी 12 ज्योतिर्लिंग पर 200 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 1-1 माह तक 52-52 लाख महामृत्युंजय मंत्रों का अनुष्ठान किया जा रहा है. जिनमे से 10 ज्योतिर्लिंग पर पूर्णाहुति हो चुकी है. गत माह श्रीशैलम में संपन्न हुए अनुष्ठान में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्णाहुति दी. आज केदारनाथ में महामृत्युंजय जाप की पूर्णाहुति संपन्न हुई. उत्तम स्वामीजी ईश्वरानंद ब्रह्मचारी महाराज सदगुरुदेव के सान्निध्य में दुर्गम आदिवासी क्षेत्रीय वन खप्परमाल में सेवा प्रकल्प चल रहे है.
बड़वानी, पानसेमल, पारसोला, बांसवाड़ा, सलकनपुर, नर्मदापुरम एवं प्रतापगढ़-बांसवाड़ा जिले के लगभग 6000 हजार बच्चे जो निराश्रित आदिवासी जनजाति समुदाय से आते हैं, उन्हें गोद लेकर पठन-पाठन शिक्षा एवं स्वास्थ्य का प्रकल्प वर्षों से जारी है. नर्मदा परिक्रमावासियों की सेवा के लिए सलकनपुर में 2 आश्रम जबलपुर, खप्पर माल में संचालित है, जो निःशुल्क है.