राजस्थान

अजमेर के बावला का खेड़ा में होने वाले सामूहिक मृत्युभोज (बावनी) को रुकवाने के लिए पूर्व आरएएस रामसुख गुर्जर आगे आए

paliwalwani
अजमेर के बावला का खेड़ा में होने वाले सामूहिक मृत्युभोज (बावनी) को रुकवाने के लिए पूर्व आरएएस रामसुख गुर्जर आगे आए
अजमेर के बावला का खेड़ा में होने वाले सामूहिक मृत्युभोज (बावनी) को रुकवाने के लिए पूर्व आरएएस रामसुख गुर्जर आगे आए

देवपुरा. अखिल भारतीय गुर्जर देव सेना के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व आरएएस रामसुख गुर्जर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर पांच मार्च को अजमेर के नसीराबाद गांव देवपुरा के बावलो का खेड़ा में होने वाले सामूहिक मृत्यु भोजन (बावनी) को रुकवाने की मांग की है।

गुर्जर ने बताया कि इस बावनी में सौ से भी अधिक नाबालिग बच्चों के विवाह भी होंगे। बावन गांवों के परिवारों के लोग शामिल होंगे। इस मृत्यु भोजन की बड़े पैमाने पर तैयारियां हो रही है। गुर्जर ने अपने पत्र में कहा कि सामूहिक मृत्यु भोज सामाजिक कुरीति है।

भले ही इस समारोह को मितव्ययिता का नाम दिया जाता हो, लेकिन मायरे जैसी रस्म को पूरा करने के लिए परिवारों को कर्ज लेना होता है। वेसे भी बाल विवाह कानूनी अपराध है। इसी प्रकार सरकार ने मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 बना रखा है। जो ऐसे प्रतिबंधों पर रोक लगाता है।

गुर्जर ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब वह प्रशासनिक सेवा में थे, तब भी ऐसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाते रहे। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उनका दायित्व है कि वे ऐसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाए। गुर्जर ने अपने पत्र के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बावनी के आमंत्रण पत्र की फोटो प्रति भी मुख्यमंत्री को भेजी है।

इस निमंत्रण पत्र में 5 मार्च को प्रात: 9 बजे से बावला खेड़ा में मृत्यु भोजन की शुरुआत होने की बात लिखी गई है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की प्रति अजमेर के कलेक्टर और एसपी को भी दी गई है। इस प्रकरण से जुड़ी और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414354751 पर रामसुख गुर्जर से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER

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